अस्थमा के मरीज वीरासन कर खुद को रख सकते हैं तरोताजा

नई दिल्ली,अस्थमा के मरीजों के लिये अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही अस्थमा के मरीज योग का सहारा ले सकते हैं। योग के कई आसान हैं जो विभिन्न रोगों में लाभकारी हैं। इनमें एक वीरासन है। विशेषज्ञों के अनुसार, वीरासन अस्थमा और उच्च रक्तचाप में बेहद फायदेमंद होता है। दरअसल, वीरासन और वज्रासन में कोई विशेष अंतर नहीं है। हालांकि, वीरासन कई मुद्राओं में और वज्रासन केवल एक मुद्रा में किया जाता है। वीर का अर्थ बहादुर होता है। इस योग को करने से व्यक्ति बलिष्ठ बनता है। वीरासन करने में बेहद आरामदेह है। इसे हर कोई कर सकता है। वहीं, अस्थमा और उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। इसे करने से हाथों और पैरों में खिंचाव पैदा होता है, रक्त संचार सुचारू ढंग से होने लगता है, एकाग्रता बढ़ती है, मन स्थिर और तनाव दूर होता है, उच्च रक्त चाप नियंत्रित रहता है और अस्थमा में आराम मिलता है। इसे करने के लिए समतल भूमि पर दरी बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपने पैरों को अलग कर हिप्स को जमीन पर टिका दें। इसके बाद पीठ के बल लेट जाएं और इस मुद्रा में तकरीबन 30 सेकेंड तक जरूर रहें। फिर पहली अवस्था में आ जाएं।

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