भोपाल, प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा अनाप शनाप तरके से वसूली जाने वाली ट्यूशन फीस पर रोक लगाने को लेकर राज्य सरकार कानून बनाने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार इस मामले में अब सख्त कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अतिवृष्टि की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में कहा कि इसको लेकर कानून बनाने की तैयारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नीतिगत निर्णय करने के लिए इस विषय से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करें। निजी स्कूल ट्यूशन फीस बढ़ा-चढ़ाकर वसूली नहीं कर सकते हैं। कई गुना तक फीस बढ़ाने की शिकायतें सामने आई हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को इंदौर प्रवास पर थे। इस दौरान कुछ महिलाएं व अभिभावक रास्ते में खड़े में थे। उन्हें देखकर मुख्यमंत्री रुके तो एक महिला ने निजी स्कूल द्वारा ट्यूशन फीस अनाप-शनाप बढ़ाए जाने की बात उठाई। उन्होंने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। शनिवार को अतिवृष्टि को लेकर सीएम हाउस में एकाएक बुलाई समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि इंदौर में महिला बहुत व्यथित थीं। ट्यूशन फीस कई गुना बढ़ा दी। इसको लेकर हम नीतिगत फैसला कर रहे हैं। अधिनियम बनाने की तैयारी है। उसमें समग्र रूप से विचार किया जाएगा। प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को नियंत्रित करने को लेकर काफी समय से मांग उठ रही है। मालूम हो कि शिवराज सरकार ने पिछले कार्यकाल में निजी स्कूलों की मनमानी फीस को नियंत्रित करने के लिए पांच दिसंबर- 2017 को विधानसभा से मप्र निजी विद्यालय फीस विधेयक-2017 पारित कराया था। 28 फरवरी 2018 को इसे लागू किया गया, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग अब तक इसके नियम ही नहीं बना पाया है। 29 सितंबर को मप्र हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ ने सरकार को नियम बनाने के लिए चार सप्ताह का मौका दिया था। बताया जा रहा है कि अब सरकार इस मामले में तेजी के साथ कार्रवाई करने जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार द्वारा कानून बनाए जाने के बाद अभिभावकों को स्कूल संचालकों की मनमानी से छुटकारा मिल जाएगा।