नई दिल्ली,समाजवादी परिवार की कलह का अभी तक पटाक्षेप नहीं हो पाया है. बाप-बेटे के बीच चल रही पार्टी की खींचतान के बीच मुलायम के तेवर बेटे के प्रति नरम हैं,वे बेटे के खिलाफ कु छ बोलना नहीं चाहते अखिलेश भी पिता के लिए कुछ भी नहीं बोल रहे. लेकिन इसके बाद भी विवाद बना हुआ है. उधर,ये आसार भी हैं कि अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और प्रियंका गांधी के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर अंदरखाने कोई खिचड़ी पक रही है. जिसमें सौ से ज्यादा सीटें उप्र में करार के तहत कांग्रेस को देने के विकल्प पर चर्चा चल रही ताकि बिहार की तरह महागठबंधन आकार ले सके.
मुलायम भले ही चुनाव आयोग पहुंचे हों लेकिन उनका दिल अभी भी बेटे के लिए ही घडक़ रहा है. उन्होंने अखिलेश को ही चुनाव बाद राज्य के अगले मुख्यमंत्री की बागड़ोर सौंपने की बात कही है. वे कह रहे हैं कि पार्टी के टूटने का सवाल ही नहीं है.
जहां मुलायम सिंह यादव के करीबी अखिलेश के साथ खड़े रामगोपाल को दोषी ठहरा रहे हैं वहीं अखिलेश के लोग शिवपाल ,अमर सिंह को पूरे विवाद की जड़ कह रहे है.
जबकि ये साफ है कि मुलायम सिंह यादव अध्यक्ष पद से नहीं हटेंगे. उनकी पूरी लड़ाई सिर्फ एक पद के लिए है. उनका साफ कहना है कि अगर पार्टी अध्यक्ष पद छीन लिया गया तो सब कुछ चला गया, फिर बचा तो क्या बचा.
उधर,शिवपाल को हर तरह से एडजसटमेंट करने के लिए तैयार बताया जा रहा है.वह प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के साथ ही चुनाव लडऩे से दूर होने और जसवंतनगर सीट भी छोडऩे को तैयार हैं. इधर, अमर सिंह भी अपना बलिदान करने को तैयार हैं. अब बात तभी बन सकेगी जबकि ये सब रामगोपाल को मंजूर हो. क्योंकि इस समय अखिलेश पूरी तरह से उन्हीं की सलाह पर चल रहे हैं.
इधर,मुलायम खेमे ने रामगोपाल को भाजपा का करीबी बताकर सनसनी फला दी है. मुलायम खेमे का कहना है कि डॉ रामगोपाल यादव का बेटा सीबीआई जांच के दायरे में है,क्योंकि यादव सिंह के मामले में उनके बेटे की कंपनी भी जांच के दायरे में आई है.