नई दिल्ली, शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण का नया कीर्तिमान बना उत्तरप्रदेश में जब यहां पहली बार 4422 नए संक्रमित मरीज मिले। आंध्रप्रदेश में लगातार तीसरे दिन 10,000 से ऊपर मरीज आए। शुक्रवार को 710 लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत भी हुई और मृतकों की संख्या बढ़कर 36,497 हो गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में शुक्रवार तक 16,90,546 संक्रमित मिल चुके थे जिनमें से 10 लाख 91 हजार 18 ठीक हो चुके हैं। इस प्रकार देश में 5,62,605 सक्रिय मामले हैं।
जैसे-जैसे कोरोना की तस्वीर स्पष्ट हो रही है यह पता चल रहा है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस प्रकार इन पांच राज्यों में शुक्रवार को 36,482 कोरोना संक्रमित मिले हैं जो कि देश में मिले 50,978 संक्रमित का 71.56% से अधिक है। यदि इसमें उन राज्यों को जोड़ा जाए जहां एक हजार से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं तो यह संख्या 46,611 हो जाती है। इसमें पश्चिम बंगाल और असम के संक्रमित मरीजों की संख्या शामिल नहीं है। इस प्रकार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, बिहार, ओडिशा और केरल से ही 91.43% मरीज मिल रहे हैं।
इन राज्यों में भी महानगरीय क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण अत्यधिक फैला हुआ है। कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में यह इजाफा कोरोनावायरस टेस्ट की बढ़ती संख्या के कारण हुआ है। जब से प्रतिदिन 5 लाख से ऊपर टेस्ट किए जा रहे हैं संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़कर 50,000 से अधिक आ रही है। आने वाले दिनों में जब टेस्ट की संख्या 10 लाख से अधिक हो जाएगी तो देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या पता लग सकेगी।
अच्छी खबर यह है कि लगभग 11 लाख के करीब मरीजों को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल गई है। लेकिन चिंताजनक तथ्य यह है कि देश में 5 लाख 62 हजार से ऊपर पॉजिटिव मरीज हैं। यदि इनमें से एक लाख के करीब गंभीर रूप से पीड़ित हो जाते हैं तो हमारे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित होगा। कोरोना की रिकवरी जिस तरीके से भारत में हो रही है उसे देखते हुए सरकार संक्रमण के फैलाव को लेकर जितनी चिंतित नहीं है, उससे ज्यादा चिंता मरीजों के आईसीयू में पहुंचने को लेकर है। लगभग 80% मरीज बिना किसी गंभीर संक्रमण के 15 दिन के उपचार में ठीक हो रहे हैं। बहुत से ऐसे भी हैं जिन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है और वे 15 दिन के भीतर घर में ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन जिन लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है, अथवा जो ऑक्सीजन के बिना नहीं रह पाते उन्हें खास उपचार की जरूरत है। ऐसे रोगियों को महंगे इंजेक्शन और महंगी दवाएं भी लग रही हैं। सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गंभीर मरीजों के लिए कोरोना का इलाज सस्ता करने की भी है।
बहराल देश के परिदृश्य पर नजर डालें तो शुक्रवार को महाराष्ट्र में 10,320, आंध्रप्रदेश में 10,376, तमिलनाडु में 5881, कर्नाटक में 5483, उत्तरप्रदेश में 4422, बिहार में 2986, तेलंगाना में 1986, गुजरात में 1153, दिल्ली में 1195, ओडिशा में 1499, केरल में 1310 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। बाकी राज्यों में संख्या 1000 से कम है। कुछ राज्यों में संख्या दहाई के अंक में है। कोरोना का संक्रमण छोटे राज्यों में फैलने से अनेक राज्यों ने अब लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। उधर केंद्र अनलॉक के तीसरे चरण की तैयारी में है। दोनों स्थितियों में कोरोना का फैलाव किस तरह रोका जाएगा यह देखना दिलचस्प होगा।