लखनऊ, उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रही अपहरण और फिरौती की घटनाओं पर डीजीपी मुख्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जिले के सीनियर अफसरों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब है कि कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव व धर्मकांटा मैनेजर ब्रजेश पाल तथा गोरखपुर में छात्र की फिरौती के लिए हत्या कर दी गई। इन तीनों ही मामलों में पुलिस की जमकर किरकिरी हुई।
निर्देश के मुताबिक अपहरण की सूचना पर जिला पुलिस तुरंत टीम का गठन करे और जरूरत के मुताबिक एसटीएफ को भी लगाया जाए। सीनियर अफसर मामले की समीक्षा करें। खुद घटनास्थल का निरीक्षण करें और जरूरत पड़े तो आरोपियों की ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफ़ टेस्ट भी कराए जाएं। निर्देश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता के आरोपों से अगर यह स्पष्ट होता है कि अपहरण किसी अपराध के उद्देश्य से किया गया है तो तुरंत मुकदमा पंजीकृत किया जाए। फिरौती के लिए अपहरण की घटना पर आईपीसी की धारा 364ए के तहत मुकदमा पंजीकृत कर टीमों का गठन किया जाए। 24 घंटे के अंदर अपहृत की फोटो तमाम जिलों के साथ अन्य राज्यों में भेजकर उसकी जानकारी हासिल की जाए। साथ ही अगर जरूरत पड़े तो एसटीएफ को लगाकर अपहृत की बरामदगी सुनिश्चित की जाए।
यूपी में अपहरण की घटनाओं पर डीजीपी ने अफसरों के लिए जारी की गाइडलाइन
