जयपुर, राजस्थान विधानसभा सत्र बुलाये जाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को कैबिनेट के दो बार फैसले भेजे जिसमें दूसरी बार के फैसले पर कोरोना पर चर्चा के लिए सत्र बुलाया जाना है के साथ राज्यपाल ने 21 दिन के नोटिस पर सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है। अनुमति के साथ ही प्रश्न यह खड़ा होता है कि राजस्थान विधानसभा 200 सदस्यीय है सदन का मुख्य सभाकक्ष 104 वर्गफुट व्यास वाला, वर्तुलाकार कक्ष में है सभाकक्ष सदस्यों की संख्या में भविष्य में इजाफा होने की संभावनाओं को देखते हुए 260 सदस्यों की बैठने की क्षमता रखी गई है लेकिन इनमें वर्तमान में 244 सदस्यों तक के बैठने की व्यवस्था की गई है। इनमें से भी वर्तमान में 200 सीटों पर ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग समेत अन्य डिजिटल यूनिट्स लगी हुई है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के जरिए विधायक वांछित स्विच दबाकर अपना वोट दे सकते है लेकिन सदन में लगी अतिरिक्त सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग समेत माइक नहीं लगे हुए है ऐसे में सोशल डिस्टेसिंग की गाइडलाइन कैसै पूरी होगी हालांकि सभा कक्ष के चारों ओर दूसरे तल पर 12 मीटर चौड़ी गैलरी में दर्शक दीर्घा और पत्रकार दीर्घा है विधानसभा सचिवालय इस बात पर विचार कर रहा है कि 6 फीट की उचित दूरी बनाए रखने के लिए सभाकक्ष में स्थित 260 सीट को काम में लिया जाए. इसके अलावा अधिकारी दीर्घा भी सदन के अंदर मौजूद है उसमें 48 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता है दूसरी ओर राज्यपाल दीर्घा में 21 सदस्यों के साथ सदन के अंदर ऊपरी तल पर 280 लोगों के पत्रकार दीर्घा में बैठने की क्षमता है विशिष्ट दर्शक दीर्घा में 132 और महिला दीर्घा में 66 लोगों की बैठने की व्यवस्था है. विधानसभा सचिवालय इस बात पर विचार कर रहा है कि सबको सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाना है तो मुख्य सदन के अलावा राज्यपाल दीर्घा और अधिकारी दीर्घा को काम में लिया जा सकता है. लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल इस बात की रहेगी कि इन दीर्घाओं का इस्तेमाल किया तो विधायक आपस में एक दूसरे को देख नहीं सकेंगे वहीं अगर ना पक्ष की ओर से किसी मामले पर विरोध तेज हुआ और वेल में आकर नारेबाजी की गई तो सोशल डिस्टेंसिंग कैसे मेंटेन हो पायेगी।
राजस्थान में राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने की दी अनुमति
