जयपुर, राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान में अब एक नया ट्विस्ट आ गया है। बसपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस में विलय के लिए बसपा के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की उनकी याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मामले में मदन दिवावर की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जिस पर आज सुनवाई होनी है। अगर बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर कोई विपरीत फैसला आता है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार मुश्किल में आ सकती है। इसी मामले में बसपा भी हाईकोर्ट में एक अपील दायर करने की तैयारी में है।
बीसपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस में विलय के लिए बसपा के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की उनकी याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दिलावर ने एक बयान में कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष बसपा विधायकों को अयोग्य करार किये जाने की याचिका 16 मार्च को प्रस्तुत की थी। उसके बाद 17 जुलाई को याचिका पर तुरंत कार्यवाही करने के लिये फिर से प्रार्थना की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। बसपा के छह विधायकों संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ ने 2018 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे।
दिलावर ने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं कि बसपा के छह विधायकों के विरुद्ध दलविरोधी गतिविधियों की याचिका को मुझे बिना सुने, बिना नोटिस दिये निरस्त कर दिया। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के 19 सदस्यों के विरूद्ध प्रस्तुत दल विरोधी याचिका जिस दिन 14 जुलाई को प्रस्तुत हुई उसी दिन रात्रि में ही विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस जारी करके 17 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा।’ दिलावर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के सदस्य व कांग्रेस पार्टी के सदस्य दोनों के विरुद्ध याचिका संविधान की दसवीं सूची अनुसार अयोग्य करार देने के लिये अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की गयी थी। जिस पर समानरूप में समयबद्ध कार्यवाही अपेक्षित थी, परन्तु समान रूप से कार्यवाही हुई नहीं। दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को याचिका दायर करके बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस के साथ हुए विलय को रद्द करने का अनुरोध किया। मदन दिलावर द्वारा दायर इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की निष्क्रियता को भी चुनौती दी गई है जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने के उनके अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है। हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश की पीठ सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिये पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा, सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी कर सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और (संविधान की) दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है।
राजस्थान में बसपा ने अपने विधायकों के कांग्रेस में विलय को हाईकोर्ट में दी चुनौती
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