गुना,मध्यप्रदेश के गुना जिले में दलित किसान पिटाई के मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है। दलित नेता और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने गुना पहुंच कर पीड़ित किसान से मुलाकात की और पुलिस बर्बरता की इस घटना की निंदा की। मेवानी ने इस घटना में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर इस घटना के दोषियों को सजा नहीं दी गई तो दलितों राज्य में अगले दिनों में होने वाले उप-चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं करने की सौगंध दिलाई जाएगी।
उन्होंने इस घटना को 2016 में गुजरात के ऊना में 4 दलित युवकों की पिटाई के मामले से भी ज्यादा गंभीर घटना बताया। गुना के जगनपुर में मंगलवार को हुई इस घटना को लेकर शनिवार को मेवानी, एमपी के अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य प्रदीप अहिरवार और प्रदेश कांग्रेस की सचिव किरण अहिरवार ने घटनास्थल का मौका-मुआयना करने के बाद गुना जिला अस्पताल में जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
मेवानी ने कहा कि यह घटना बेहद जघन्य है। राज्य में भाजपा सरकार आते ही दलितों पर अत्याचार बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा शिवराज सरकार का रवैया दलित और किसान विरोधी है। घटना के बाद हम यहां आ सकते हैं लेकिन मुख्यमंत्री चौहान अब तक यहां नहीं आए हैं। उन्होंने कहा 5 साल के बच्चे तक को उठाकर फेंक दिया गया है। इससे ज्यादा अमानवीय और क्या हो सकता है। इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया है।
मेवानी ने कहा जो भी पुलिसकर्मी इस घटना में शामिल हैं, उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। मेवानी ने कहा कि अगर मामला दर्ज नहीं किया जाता है, तो इसकी कीमत अगले दिनों में होने वाले उप-चुनाव में सीएम शिवराज सिंह चौहान को चुकानी पड़ेगी। दलित समाज को बाबा साहब की सौगंध देकर भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की जाएगी। अहिरवार ने कहा इस घटना के बाद दलित समुदाय भयभीत है और पुलिसकर्मियों के इस कृत्य ने पूरे देश में पुलिस को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने पीड़ित दलित दंपति को तुरंत मुआवजा देने और आरोपी पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज करने की मांग की है।