पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियां 2023 तक रेल नेटवर्क से जुड़ जाएँगी, ट्रेनों में खत्म होगी वेटिंग लिस्ट

नई दिल्ली, भारतीय रेल अगले तीन-चार साल में यात्री ट्रेनों और माल गाड़ियों को मांग के अनुसार चलाने में सक्षम हो जाएगी। इसके साथ ही ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट टिकट का दौर भी खत्म होने की उम्मीद है। रेल बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने रेलवे की ढांचागत और आधुनिकीकरण की परियोजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि साल 2023 तक पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियां रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगी।
यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से पत्रकार वार्ता मे कहा कि 2025 तक रेलवे की यात्री व माल ढोने की क्षमता दोगुनी होगी और वह यात्री ट्रेन व माल गाड़ियों को मांग के अनुसार चला सकेगा। इसके साथ 2024 तक निजी क्षेत्र की ट्रेन भी होंगी। इससे वेटिंग लिस्ट खत्म हो सकेंगे और सफर आसान होगा।
रेल यात्रियों को दिल्ली-मुंबई रूट पर सबसे पहले कन्फर्म टिकट मिलेगी। इसको लेकर रेलवे ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके बाद दिल्ली-कोलकाता रूट पर ट्रेन टिकट के कन्फर्म होने का इंतजार नहीं करना होगा। क्योंकि रेलवे ने इस रूट पर चलने वाली मालगाड़ियों के लिए अलग से ट्रैक बना रही है। अगले 2 साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है। लिहाजा इस रूट पर आसानी से ट्रेन टिकट मिल सकेगी। इसके साथ ही रेलवे ने अपने उच्च घनत्व नेटवर्क के सात सेक्टरों में ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का भी प्लान तैयार किया है। इसके अनुसार 2021 तक 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से में यात्री ट्रेन चलेगी और 2025 तक इनकी गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा की जा सकेगी। माल गाड़ियों की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा की जाएगी। अगले 9 महीने के अंदर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के ट्रैक पर चलने वाली सभी ट्रेनें 130 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ने लगेंगी। पूरे ट्रैक पर एक ही स्पीड होने के कारण यात्री पहले से कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। पूर्वोत्तर के राज्यों की सभी राजधानी तक जाएगी रेल रेल बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि साल 2023 तक उत्तर पूर्वी राज्यों की सभी राजधानियों के रेलवे नेटवर्क से जुड़ने की उम्मीद है। अभी सिक्किम मिजोरम नागालैंड मेघालय की राजधानी रेल नेटवर्क से नहीं जुडी हैं। दिसंबर 2022 तक कटरा से बनिहाल तक अंतिम स्ट्रैच भी पूरा हो जायेगा।

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