जबलपुर, रेलवे घाटे से उबरने के लिये अपने कर्मचारियों के भत्तों पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा वह छोटे रूटों पर भी मालगाड़ी चलायेगा। रेलवे अपने रनिंग स्टाफ व अधिकारियों के निरीक्षण पर काफी पैसा खर्च करता है। लॉकडाउन लगने के कारण रेलवे ने अपनी ज्यादातर यात्री ट्रेनें बंद कर दी है वहीं वह फिलहाल कुछ विशेष ट्रेनें एसओपी व्यवस्था के तहत चल रहा है। जिससे उसके घाटे की भरपाई नहीं हो पा रही है, इसके अलावा नियमित रूप से होने वाले माललदान का काम भी मजदूरों की कमी के चलते प्रभावित हो रहा है। रेलवे द्वारा भत्तों पर रोक लगाने का सबसे ज्यादा असर ट्रेन गार्ड्स व लोको पायलट पर पड़ेगा। रेलवे इन्हें प्रति किलो मीटर के हिसाब से भत्ता देता है, मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के चालक व गार्ड्स को 500 किमी पर 530 रूपये भत्ता दिया जाता है, रेलवे इसमें 35-50 प्रतिशत तक कटौती का विचार कर रहा है। रेलवे का कार्मिक विभाग इन भत्तों के संबंध में निर्णय लेता है। रेलवे के वित्त व कार्मिक विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यात्रा भत्ता किलोमीटर भत्ता, परिवहन भत्ता, नॉन प्रैक्टिस भत्ता पर रोक लगाने की तैयारी चल रही है। रेलवे घाटे से उबरने कम दूरी की मालगाड़ी भी चलाने की योजना बना रहा है। इससे उन स्थानीय व्यापारियों को अपना माल एक जिले से दूसरे जिले तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। लंबी दूरी की मालगाड़ियों में स्थानीय व्यापारियों अपने पार्सल की कम बुकिंग कराते थे। जिसका असर रेलवे की आमदनी पर पड़ रहा था।