लखनऊ, कुख्यात अपराधी और कानपुर के बिकरू में पुलिस मुठभेड़ का आरोपी पांच लाख रूपये का इनामी विकास दुबे को जिस गाड़ी में उज्जैन से लाया जा रहा था उसके पलटने से तीन पुलिस सब इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी भी घायल हुये है। इसके अलावा दो एसटीएफ के जवान भी घायल है। इसी दौरान विकास ने भागने का प्रयास किया था।
अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों के शहीद में होने में मुख्य अभियुक्त विकास दुबे को उज्जैन मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफतार किये जाने के बाद उप्र पुलिस और एसटीएफ की टीम शुक्रवार सुबह कानपुर नगर लाया जा रहा था। कानपुर नगर भौती के पास प्रातः करीब साढ़े छह बजे पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो कर पलट गया, जिससे उसमें बैठा अभियुक्त और पुलिसजन घायल हो गये। इस दौरान अभियुक्त विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसर्मपण करने को कहा गया किन्तु वह नही माना और जान से मारने की नियत से पुलिस टीम पर फायर करने लगा। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गयी। विकास दुबे घायल हो गया जिसे तत्काल ही इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। इस पूरे प्रकरण में चार सिविल पुलिस के लोग घायल है जिसमें तीन सब इंस्पेक्टर व एक कांस्टेबिल है, तथा एसटीएफ के दो कमांडो को भी गंभीर चोटे आयी है। उन्होंने बताया कि बिकरू पुलिस मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद है जिसमें से तीन लोग गिरफतार किये जा चुके है छह अभियुक्त मारे जा चुके है, अभी भी 12 इनामिया बदमाश वांछित चल रहे है।
वहीं कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बहुत तेज बारिश हो रही थी, उसी समय पुलिस ने अपनी गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे गाड़ी डिवाइडर से टकराकर पलट गयी और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये। उसी मौके का फायदा उठाकर बदमाश ने पुलिस के एक जवान की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया। तभी पीछे से एस्कार्ट कर रही एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफतार करने की कोशिश की उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानो ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा। हमारे जवान उसे लेकर अस्पताल ले गये जहां डाक्टरों ने उसे इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया था कि पुलिस की गाड़ी पलटने से चार पुलिसकर्मी भी घायल हुये है जिनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र कल्याणपुर में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि जब गाड़ी पलटी तो विकास के वाहन में सवार पुलिस इंस्पेक्टर नवाबगंज घायल हो गये और इसी दौरान विकास ने उनकी पिस्टल छीनकर भाग गया ,लेकिन मुठभेड़ में घायल हो गया और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि एक पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है उसे हैलट अस्पताल भेजा जा रहा है। आईजी अग्रवाल ने यह भी साफ किया कि विकास दुबे उसी गाड़ी में सवार थे जिसमें वह उज्जैन से चला था, उसकी गाड़ी रास्ते में बदली नहीं गयी थी और उसके साथ गाड़ी में पुलिसकर्मी भी सवार थे। उन्होंने कहा कि एसटीएफ के जवानों ने बहुत बहादुरी का परिचय दिया। इस बीच, गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज (जीएसवीएम) के कार्यवाहक प्राचार्य डा. आरबी कमल ने पत्रकारों को बताया कि विकास दुबे के शरीर पर चोट के चार निशान घाव पाये गये थे जिसमें से तीन सीने पर व एक हाथ में थे। वह अस्पताल में पूरी तरह से मृत आया था। उन्होंने बताया कि दुबे का कोरोना टेस्ट करवाया गया जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी। अब पुलिस को पोस्टमार्टम के लिये शव को सौंप दिया गया है।
विदित हो कि विकास दुबे को बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफतार किया गया था। बीती दो-तीन जुलाई की रात चैबेपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफतार करने गयी पुलिस टीम के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गयी थी। इसके बाद पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ में विकास दुबे के गिरोह के पांच सदस्य मारे गये थे। तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गये। आठ जुलाई को हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने 50 हजार के इनामी बदमाश और विकास के खास अमर दुबे को मार गिराया था। नौ जुलाई को कानपुर और इटावा में अलग-अलग हुई मुठभेड़ में कार्तिकेय उर्फ प्रभात कानपुर में जबकि प्रवीण उर्फ बउवा दुबे इटावा में हुई मुठभेड़ में मारे गये।