कानपुर, कानपुर नगर जिले के चैबेपुर इलाके के बिकरू गांव में बीती दो जुलाई की रात को आठ पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या करने के आरोपी गैंगेस्टर विकास दुबे का इन्काउंटर के बाद देर शाम भैरोंघाट पर कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पूर्व उसका पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें उसके सीने में दो तथा एक गोली कमर में लगने की पुष्टि हुई। यह तीनों ही गोलियां उसके शरीर के आरपार हो गयीं थीं।
महानगर के भौंती इलाके में शुक्रवार सुबह मप्र के उज्जैन से कानपुर लाते समय एसटीएफ के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद भागने का प्रयास करते समय विकास दुबे मार गिराया गया था। तमाम औपचारिकतायें पूरी करने के बाद शाम होते-होते विकास दुबे के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम से पूर्व उसका कोविड-19 टेस्ट भी कराया गया। टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद डॉ. अरविंद अवस्थी, डॉ. शशिकांत मिश्र व डॉ. विपुल चतुर्वेदी के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की सम्पूर्ण प्रक्रिया की बकायदा वीडियोग्राफी भी की गयी। पोस्टमार्टम से पूर्व विकास के बहनोई दिनेश तिवारी से औपचारिकताओं के लिए सहमति ली गयी। पोस्टमार्टम के बाद में शव को भी अंतिम संस्कार के लिए बहनोई दिनेश तिवारी को सौंप दिया गया। जिसके बाद विकास के शव को अंतिम संस्कार के लिए भैरोंघाट ले जाया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद था। विकास दुबे का अंतिम संस्कार भैरोंघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया। इस दौरान बहनोई दिनेश तिवारी के अलावा विकास की पत्नी रिचा, उसका सबसे छोटा पुत्र मौजूद थे। इस बीच सूत्र बताते हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ है कि पुलिस से मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे को तीन गोलियां लगीं और तीनों गोलियां आरपार हुईं। दो गोलियां सीने पर और एक कमर में लगी।