वाराणसी,पतंजलि फर्म की कोरोनिल दवा के विवाद के बीच आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस से जंग में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को उसकी दवा शिरीषादि कसाय (काढ़ा) के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। 22 मार्च को बीएचयू के आयुर्वेद संकाय ने आयुष मंत्रालय को एक पत्र लिखकर संभावित औषधियों के ट्रायल की अनुमति मांगी थी। 24 मार्च को कोविड चेयरमैन को प्रस्ताव भेजा तो 10 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा गया। आर्युवेद संकाय के हेड प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी ने मई में मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था, जिसकी अनुमति अब मिल गई है। यह दवा काढ़े के रूप में हैं, जिसका नाम दिया गया है शिरीषादि कसाय। मॉडर्न मेडिसिन और आयुर्वेद के ज्ञानी जल्द वैज्ञानिकों की निगरानी में इस पर ट्रायल शुरू करेंगे। इसके लिए बीएचयू अस्पताल में भर्ती होने वाले वयस्क संक्रमित मरीजों को यह काढ़ा दिया जाएगा। निगरानी और मूल्यांकन इस बात पर होगा कि ठीक होने की संख्या के प्रतिशत के साथ दवा का असर कितना है। मूल्यांकन में और भी बिंदु शामिल हैं। 3 महीने के भीतर बीएचयू द्वारा आयुष मंत्रालय को अपनी ट्रायल रिपोर्ट सौंपनी होगी।
आयुष मंत्रालय ने कोरोना से मुकाबले के लिए बीएचयू के शिरीषादि काढ़े को दी ट्रायल की मंज़ूरी
