भोपाल, दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य प्रदेश में कुछ और आगे बढ़ा है। मंगलवार को इंदौर, भोपाल के दक्षिणी क्षेत्र व रायसेन में मानसून ने दस्तक दे दी है। हालांकि वर्तमान में कोई शक्तिशाली वेदर सिस्टम नहीं बनने से अभी तीन दिन तक अच्छी बरसात होने की संभावना कम है। 19 जून को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। उसके असर से 20 जून के बाद वर्षा की गतिविधियों में तेजी आएगी। उधर मंगलवार को रायसेन में 7, भोपाल शहर में 4.8, भोपाल एयरपोर्ट में 3.4 मिमी. बरसात हुई। शाजापुर में बूंदाबांदी हुई। मानसून मंगलवार को पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्से उत्तरी मप्र के अधिकांश हिस्से तथा उत्तरी उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्से में प्रवेश कर गया है। मानसून की उत्तरी सीमा कांडला, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल के दक्षिणी भाग, रायसेन, खजुराहो, फतेहपुर एवं बहराइच से होकर गुजर रही है। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मानसून के राजधानी के दक्षिणी हिस्से में प्रवेश किया है। हालांकि वर्तमान में कोई शक्तिशाली वेदर सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने के कारण तेज और लगातार बरसात के आसार नहीं हैं। वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद रहने से रुक-रुक कर बौछारें पडऩे का सिलसिला अभी बना रहेगा। 19 जून को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके आगे बढऩे के बाद मानसून की सक्रियता राजधानी सहित पूरे प्रदेश में बढ़ेगी। वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) उत्तर पश्चिम राजस्थान से पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच बनी है। ये हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुजर रही है जो 900 मीटर की ऊंचाई तक बनी हुई है। इस वजह से वातावरण में नमी आ रही है। इसके चलते प्रदेश के कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ रुक-रुक कर बौछारें पड़ रही हैं।
मप्र में तीन दिन बाद बढ़ने लगेंगी बारिश की गतिविधियां
