भोपाल,अपनी जान की बाजी लगाकर मौत के मुंह में समाते जा रहे साथी की जान बचाकर दोस्ती की मिसाल पेश करने का एक मामला राजधानी भोपाल में सामने आया है। यहॉ कलियासोत डैम में नहाने के दौरान मगरमच्छ द्वारा युवक पर हमला किए जाने की दिल दहला देने वाली घटना में उसका दोस्त उसे मौत के मुंह से वापस खींच लाया। मगरमच्छ ने हमला करते हुए युवक की टांग को अपने जबड़े में दबोचा और उसे गहरे पानी के नीचे ले गया। गनीमत रही कि उसके साथ नहा रहे दोस्त ने पूरे होशो हवास से काम लिया और अपनी जान की परवाह किए बगैर ही किनारे पर पड़ी मजबूत लकड़ी को अपने हाथो मे थामकर उसी पांइट पर छलांग लगा दी जिस जगह मगर उसके दोस्त को लेकर पानी में गया था। करीब 6 फीट पानी में जाकर जांबाज़ दोस्त ने मगरमच्छ के शरीर पर लकड़ी को रखकर उसे पूरी जान से दबा दिया। अचानक हुए हमले से मगरमच्छ ने घबराकर अपना जबड़ा खोल दिया उसके चुंगल से छूटकर युवक ऊपर आ गया जिससे उसकी जिंदगी बच गई। घायल युवक की जॉघ मे मगरमच्छ के हमले से गहरा घाव हो गया जिसका उपचार निजी अस्पताल में जारी है। रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना में 29 वर्षीय गजेंद्र यादव पिता तेज नारायण यादव में जानकारी देते हुए बताया की वो और उसका करीबी दोस्त अमित जाटव पिता मुन्ना लाल जाटव दोनों पुलिस लाइन नेहरू नगर में रहते हैं। दोनों के पिता पुलिस विभाग में पदस्थ है, अमित के पिता जहां हनुमानगंज थाने में एसआई के पद पर है, वही गजेंद्र के पिता श्यामला हिल्स थाने में हेड कांस्टेबल है। दोनों फिलहाल एक साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। गजेंद्र के मुताबिक बीते दिन दोपहर करीब 2:30 बजे मौसम अच्छा होने पर वह घर के करीबी ही कलियासोत डैम पर घूमने गए थे, जहां डैम मे नहाने का मन होने पर दोनों ही पानी में उतर गए। डेम से बाहर निकलने से थोड़ी देर पहले ही गजेंद्र के मन में नहाते समय का वीडियो बनाने का विचार आया। इसके चलते उसने एक मजबूत, नुकीली और मोटी लकड़ी उठाकर किनारे की मिट्टी में गांड दी और उस पर मोबाइल रखकर करीब 4 फीट की दूरी पर ही मोबाइल के सामने नहाने का वीडियो बनाने लगे। वीडियो बनाने के दो-तीन मिनट बाद ही अमित ने गजेंद्र से कहां की ” वो अब पानी से बाहर जा रहा है” । यह सुनकर गजेंद्र ने उसकी ओर मूडकर देखा और कहा “ठीक है”। उसी पल पानी के भीतर मगरमच्छ ने अमित पर हमला कर उसकी जांघ को अपने जबडे मे दबोचते हुए पानी के भीतर खींच लिया। यह जानलेवा मंजर देख गजेंद्र ने बिना डर और घबराहट के खुद को पूरी तरह काबू में रखा और बिना एक पल गवांये ही किनारे पर हाथ बढ़ाकर स्टैंड बनी लकडी पर रखे मोबाइल को फेंकते हुए मिटटी मे गडी उस मोटी और नुकीली लकड़ी को हाथ में लेकर उसी पॉइंट पर वापस छलांग लगा दी जहां मगर उसके दोस्त अमित को लेकर गहरे पानी में गया था। गजेंद्र ने बताया कि पानी में करीब 6 फीट नीचे जाने पर उसका हाथ किसी चीज से टकराया जिसके छूने पर वो समझ गया कि यही हमलावर मगरमच्छ है। गजेंद्र ने अपने हाथ की नुकीली लकड़ी को मगरमच्छ के शरीर पर गाड़ दिया और इसके बाद पूरी जान लगाकर उसे दबाता चला गया। अचानक हुए इस हमले से मगरमच्छ घबरा गया और उसने अपना जबड़ा खोल दिया, ओर उसके चुंगल से छूटकर अमित पानी के ऊपर आ गया। गजेंद्र का कहना है, कि जब वह मगरमच्छ के शरीर में लकड़ी गाड कर पानी के उपर आया तो उसका दोस्त अमित उसे भी पानी के ऊपर नजर आया। गजेंद्र ने उसे सहारा देते हुए तुरंत ही डैम से बाहर निकाला। अमित की जांघ मे बहुत गहरा घाव था, जिसमें से तेजी से खून बह रहा था। गजेंद्र ने फौरन ही दोस्तों को फोन लगाकर उन्हे बुलाते हुए एक बनियान को अमित की जांघ पर बांध दिया। फोन पर खबर मिलते ही उनके दोस्त फौरन बाइक लेकर वहां पहुंचे जो अमित को इलाज के लिए नजदीक के निजी अस्पताल ले गए। अमित के पैर में टांके लगाये गये हैं, और उसकी हालत खतरे से बाहर है। दोस्ती की इस जिंदा मिसाल और मौत के मुंह से अपने दोस्त की जान बचाने वाली इस घटना का लाइव वीडियो अगले दिन सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया और यह खबर शहर भर में फैल गई। घटना को लेकर लोग जहां अमित और गजेंद्र की दोस्ती की मिसाल दे रहे हैं, वही गजेंद्र द्वारा दिखाए गए हौसले की भी जी जी भर कर तारीफ की जा रही हैं। गजेंद्र का कहना है कि उस समय उसने अपने दोस्त की जान बचाने के लिये वही किया जो किसी भी इंसान को दुसरे इंसान की जान बचाने के लिये करना चाहिये, और उन्हे खूशी है कि उपर वाले ने उनका साथ दिया जिससे वो अपने दोस्त की जान बचाने मे कामयाब रहे। वही मगरमच्छ के हमले से बचकर लौटे अमित का कहना है कि उन्हे अपने दोस्त गजेंद्र पर गर्व है, जिसने अपनी जान की परवाह नही करते हुए उसकी जान बचाई है।