भोपाल, राज्य का मुख्य बजट जुलाई में होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। इस बार कोरोना वायरस के कारण विभागों को ज्यादा बजट नहीं मिल पाएगा। विभागों को वेतन-भत्ते के अलावा बेहद कम राशि में काम चलाना होगा। कोई नई स्कीम इस बार प्लान नहीं की जा रही है। वहीं, निर्माण विभाग और ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, बिजली जैसी मूलभूत विभागों के अलावा बाकी विभागों के बजट में भारी कटौती की तैयारी हो गई है। विभागों की मांगों पर भी वित्त विभाग ने कैंची चलाना शुरू कर दिया है। इसमें ने साफ कह दिया गया है कि इस बार कोरोना से निपटने के और अर्थव्यवस्था को बूस्टअप देने व रोजगार के इंतजाम करने पर ही फोकस रहेगा।
प्रदेश सरकार ने कोरोना से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस वित्ताीय सत्र में पिछले दो महीने से कोई राजस्व वसूली नहीं हुई है। उस पर पूरा प्राइवेट सेक्टर ठप है। सरकार ने अनलॉक प्रोसेस के साथ ही सभी सरकारी महकमों को सेल्फ अरेंजमेंट का मंत्र दिया है। सरकार ने अपने महकमों से दो टूक कहा है कि अब सिर्फ केंद्र और राज्य की मदद पर निर्भर न रहें।
एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को करीब 36000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 26 हजार करोड़ के नुकसान का आकलन पूर्व में हाईपावर कमेटी कर चुकी है। इसके बाद अप्रेल और मई में लॉकडाउन से 10000 करोड़ का नुकसान हुआ है।
मप्र विधानसभा के जुलाई में होने वाले सत्र में पेश किया जाएगा प्रदेश का बजट
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