जबलपुर,रेलवे में कोरोना संक्रमित पाए गए शंटर के क्लोज कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग में 9 सहकर्मी शामिल पाए गए लेकिन सूत्रों के अनुसार इन 9 रेलकर्मियों में से सिर्फ 4 का सेम्पल लेकर महिला रेल चिकित्सक ने सभी को चलता कर दिया।
पश्चिम मध्य रेल चिकित्सालय में कार्यरत सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों पर मनमानी का आरोप लगाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार यहाँ डॉक्टर कोरोना पेशेंट और उसके संपर्क में आये रेलकर्मियों की जांच और सेम्पल लेने में लापरवाही कर रहे है। बीते दिवस जबलपुर स्टेशन पर कार्यरत परिचालन विभाग कर्मी शंटर की रिपोर्ट पोजिटिव आने के बाद रेलकर्मियो में भारी दहशत है। पोजिटिव कर्मी के संपर्क में रहे 9 कर्मियों को मंगलवार जांच के लिए रेल चिकित्सालय भेजा गया था। वहां ड्यूटी डॉक्टर ने सिर्फ 4 का सेम्पल लिया और 5 को चलता कर दिया। इससे परिचालन कर्मियों में भारी आक्रोश है।
जानकारी के मुताबिक गत दिवस स्टेशन पर कार्यरत शंटर यादव को रेल चिकित्सालय में भर्ती कर उसका सेम्पल लिया गया था। सोमवार एक जून को जैसे ही उसकी रिपोर्ट पोजेटिव आई रेलकर्मियों में हड़कंप मच गया। कोरोना पोजेटिव के साथ कार्य करने वाले कर्मियों की जांच के लिए डिप्टी एसएस आपरेटिंग ने अनिल कुमार संटिंग मास्टर, राजेश पटेल, सुरेश यादव, सतीश पटेल और मोहम्मद यूनिस काँटेवाले, नंदकिशोर वर्मा, अशोक यादव, सौरव कुमार एलपीए और रजनीश कुमार एलपीजी को जब मंगलवार को सेम्पल लेने रेल चिकित्सालय भेजा लेकिन वहां महिला डॉक्टर ने 4 का सेम्पल लेकर बांकी 5 को चलता कर दिया है। जबकि कोरोना पोजेटिव के साथ 25 से 28 मई तक उक्त सभी रेलकर्मियों ने कार्य किया है। रेल चिकित्सालय की लापरवाही कहीं रेलकर्मियों की मौत का सबब ना बन जाये इसे लेकर परिचालन के कर्मी भारी परेशान है।