नई दिल्ली,बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह उनके लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करना आसान नहीं होगा पर वह हर चुनौती के लिए तैयार हैं।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘एक बल्लेबाज के तौर पर टाइमिंग वापस हासिल करने और अपनी मसल मेमोरी को मजबूत करने के लिए आपको कुछ नेट अभ्यास की जरूरत तो होगी। लगातार घर में रहने के बाद आप काफी दिनों बाद बल्ला पकड़ेंगे और आपके सामने गेंदबाज 140 प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करेंगे, इसलिए उस स्तर तक आना आसान नहीं होगा। इसके लिए कुछ नेट सत्र चाहिए होंगे, जिससे दिमाग भी पूरी तरह से संभल जाए।’ उन्होंने कहा, ‘यह आसान नहीं रहने वाला है, पर हम पेशेवर खिलाड़ी हैं और हम इस स्तर पर पहुंचने के लिए काफी वर्षों से खेल रहे हैं, इसलिए हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।’
दर्शकों की कमी खलेगी
मैदान पर लौटने को लेकर कई खिलाड़ियों के अपने-अपने विचार हैं। वहीं खाली स्टेडियम में मैच को लेकर अय्यर ने कहा कि लाइव क्रिकेट भारतीय जनता को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है क्योंकि यह खेल भारत में धर्म के समान है। उन्होंने कहा, ‘मैं क्रिकेट खेलने को लेकर बेसब्र हूं क्योंकि मैं इसी का इंतजार कर रहा हूं। आपको पता है कि क्रिकेट भारत में धर्म है और अगर हम क्रिकेट खेलते हैं, जिसे लोग टीवी पर देख सकते हैं,
सकारात्मक मानसिकता रखनी होगी
इस बल्लेबाज ने कहा, ‘एक खिलाड़ी होने के नाते इस तरह की स्थिति में होना काफी परेशानी भरा होता है क्योंकि हम पहले कभी इस तरह की स्थिति में नहीं रहे। हम कभी क्रिकेट से इतने लंबे समय तक दूर नहीं रहे, लेकिन अगर आप अपनी मानसिकता साफ रखते हो और अपना रूटीन बनाए रखते हो तो मुझे नहीं लगता कि पुराने जोन में आना मुश्किल होगा।’ अय्यर ने कहा, ‘हां यह कई बार मुश्किल भी होता है और परेशानी वाला भी क्योंकि आप लॉकडाउन के कारण घर में बंद हो। इस दौरान फिट बने रहने के लिए मैं कुछ ड्रिल्स और एक्टीविटी करता रहता हूं। क्रिकेट की वापसी को लेकर कुछ नियमों को बदलने की बात चल रही हैं, जिनमें से एक है गेंदबाजों द्वारा गेंद को चमकाने के लिए स्लाइवा (लार) का उपयोग बंद कर देना और इसकी जगह कुछ और चीज का इस्तेमाल करना। इस पर अय्यर ने कहा कि गेंदबाजों को भी मदद की जरूरत है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘अगर हम शुरू कर रहे हैं तो किसी तरह की पाबंदियां नहीं होनी चाहिए। एक बल्लेबाज के तौर पर मैं चाहता हूं कि गेंद नई हो और गेंदबाज के तौर पर आप चाहते हो कि गेंद स्विंग करे। इसलिए यह दोनों के लिए समान तरीके से अहम है। यह नियम बनाने वाली संस्था का फैसला है जिसे हमें मानना होगा।’