भोपाल, मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच बिजली बिल पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार से मांग की है कि जनता का तीन महीने का बिजली बिल तत्काल माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि संकट काल में 60 दिन से बंद उद्योगों पर लाखों के बिल थोपे जा रहे है। उद्योगों का बिजली बिल भी सरकार माफ करे। साथ ही कहा कि एमपी सरकार दूसरे राज्यों के तरह काम करे।
-‘जितनी बिजली उतना दाम’ की तर्ज हो वसूली’
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बारे में पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि कोरोना के कारण लॉकडाउन है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। रोजगार के सभी साधन और कल-कारखाने बंद पड़े हैं। ऐसे में प्रदेश में बिजली के भारी-भरकम बिल सभी वर्गो की परेशानी का कारण बन रहे हैं। कमलनाथ ने लिखा कि इन स्थितियों में उपभोक्ताओं से बिजली बिल में वास्तविक बिजली खपत के साथ-साथ फिक्स चार्ज भी लिया जा रहा है, जबकि उद्योग, व्यवसाय, प्रतिष्ठानों आदि बंद हैं। इससे आम जनता, व्यवसाय जगत और उद्योग क्षेत्र में बहुत रोष है। कमल नाथ ने लिखा है, “हमारी सरकार द्वारा इंदिरा गृह ज्योति योजना और इंदिरा किसान ज्योति योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं और किसान भाइयों को बिना किसी भेदभाव के बिजली के बिलों में भारी रियायत दी गई थी, मगर अब भारी भरकम बिल दिए जा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने घरेलू उपभोक्ताओं, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और उद्योगों से जितनी बिजली उतना दाम के सिद्धांत फिक्स चार्ज आरोपित न करते हुए वास्तविक खपत के आधार पर ही बिल लेने का अनुरोध किया है। साथ ही कहा है कि इंदिरा गृह ज्योति योजना के गरीब हितग्राहियों के छह माह के बिल माफ किए जाएं। यह निर्णय प्रदेश की जनता और व्यवसाय जगत के साथ उद्योग के हित में होगा।