बिलासपुर, कोरोना की बीमारी आम आदमी को ठगनी का नाच नचा रही है। इस 2 महीने में ही इसने न जाने जिंदगी के कितने रंग दिखा दिए। कितने लोग हैं जिनका पूरा परिवार इससे तबाह हो गया । कितनों ने इसे मुनाफा कमाने का जरिया बना लिया, तो वहीं कुछ लोगों ने इसे अब बदला भुनाने और रंजिश पूरी करने का भी जरिया बना लिया है। हैरानी तब और ज्यादा होती है जब सरकारी तंत्र ऐसे ही लोगों के हाथों की कठपुतली बन जाती है। असामाजिक तत्व बदमाश और यहां तक कि झगड़ालू पड़ोसी भी कोरोना को एक हथियार की तरह अपने विरोधियों को परेशान करने में इस्तेमाल कर रहे हैं ।और जाने-अनजाने प्रशासनिक तंत्र इसका जरिया बन रहा है। ऐसे ही न जाने कितने मामले देश भर में अब तक सामने आ चुके हैं । ताज़ा मामला तखतपुर के वार्ड क्रमांक सात गुप्ता मोहल्ला का है। इस मोहल्ले में रहने वाली तीन युवतियां बिलासपुर में थी। हाल ही में लॉक डाउन में छूट के दौरान यह तीनो अपने घर पहुंची। बताया जा रहा है कि मोहल्ले के कुछ मनचले युवक अक्सर इन युवतियों को छेड़ा करते थे। जिस पर युवतियों ने कई बार उन्हें खरी-खोटी भी सुनाई थी और सबक भी सिखाया था। जिस वजह से यह लोग उनसे खार खाए बैठे थे । कहते हैं इस परिवार का मोहल्ले के कुछ लोगों से विवाद भी है। जब यह तीनों युवतियां घर लौटी तो ऐसे ही मनचले युवकों और अड़ोस पड़ोस के कुछ रंजिश रखने वाले लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों को यह झूठी खबर दे दी कि तीनों युवतियां हैदराबाद से लौटी है।
प्रशासन ने इस उद्देश्य से हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं कि अगर कोई भी बाहर से आए तो वह स्वयं इससे प्रशासन को अवगत कराएं या फिर आस पड़ोस के लोग भी प्रशासन को इसकी जानकारी दें । लेकिन इसका कुछ लोग दुरुपयोग भी कर रहे हैं । इसी तरह का दुरुपयोग करते हुए कुछ लोगों ने संबंधित विभाग को यह झूठी खबर दे दी कि तीनों युवतियां हैदराबाद से आई है और प्रशासनिक अधिकारियों की भी कारगुजारी देखिए कि उन्होंने बिना किसी जांच या पूछताछ के ही उन आरोपों को सच भी मान लिया और बिना किसी आधार और जांच के ही तीनों युवतियों को होम कोरेन्टीन कर दिया ।
इससे युवतियां और उनका परिवार हैरान रह गया । युवतियों ने वार्ड की आंगनबाड़ी मितानिन आशा को बार-बार बताया कि वो लोग बिलासपुर से आई है जो ग्रीन जोन है और जिले के भीतर आवाजाही पर इस तरह की कार्यवाही नहीं की जा रही। लेकिन उनकी बातों को अनसुना करते हुए स्वास्थ्य विभाग के कुछ अति उत्साही लोगों ने इन युवतियों के घरों के बाहर पोस्टर चस्पा करते हुए उन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया। यह जाने बगैर कि यह युवतियां सचमुच कहां से आई हैं, उनके घर में कोरेन्टीन की व्यवस्था है या नहीं, अलग से शौचालय, खाने-पीने के बर्तन, कमरे हैं या नहीं । बिना कुछ जांचे केवल कुछ मनचले युवकों और रंजिश रखने वाले पड़ोसियों की शिकायत पर ही की गई इस कार्यवाही के बेहद खतरनाक नतीजे सामने आने लगे हैं । आरोप लगाते हुए इन युवतियों के परिजनों ने बताया कि पूरा मोहल्ला अब उन्हें शक की निगाह से देख रहा है और उन्हें अछूत मानते हुए पृथक कर दिया गया है । वार्ड के पार्षद ईश्वर देवांगन पर भी आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनके ही इशारे पर उनका पानी भी रोक दिया गया है। यह परिवार मोहल्ले के नल से पीने का पानी भरता है ,लेकिन अति उत्साह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके घर के बाहर होम आइसोलेशन का पोस्टर चस्पा कर दिए जाने के बाद से उन्हें इससे वंचित किया जा रहा है। पूरा परिवार प्यासा मरने की कगार पर है जबकि उनके घर में छोटे-छोटे बच्चे और दूधमुहे मासूम है । लेकिन किसी को भी उन पर तरस नहीं आ रहा और यह सब कुछ बिना किसी जांच-पड़ताल और पुख्ता सबूत के आधार पर किया गया है। अगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसी तरह की कार्यवाही करेंगे तो फिर हर कोई अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए इसी हथियार का इस्तेमाल करने लगेगा ।