जबलपुर, साजापुर, देवास, मंदसौर के किसानों की करीब 50 हजार क्विंटल प्याज सरकार ने खरीदी और जबलपुर की मण्डी में बेचने के लिए भेज दी। ट्रकों और रेल से जबलपुर पहुंची इस प्याज की बिक्री के लिय सुबह से सौदेबाजी चलती रही और अधिकारियों ने कमीशनबाजी शुरु कर दी। 3 रु. किलो में प्याज बेचने की व्यापारियों, अढ़तियों से चर्चा की गई मामला वहां अटक गया जब विपणन अधिकारियों ने 50 पैसे प्रति किलो ऊपर से मांग की। सुबह से लेकर शाम तक सौदेबाजी चलती रही। अंततः 3 रु. किलो में प्याज बेचने पर सौदा तय हो गया और 50 पैसा प्रति किलो प्याज पर कमीशन भी तय हो गया और लाखों के बारेन्यारे हो गये। दरअसल सरकार को नौकरशाह ही ठिकाने लगाने पर तुले हैं। व्यापारी 3 रु. किलो में प्याज खरीदने तैयार थे लेकिन 50 पैसा प्रति किलो कमीशन देने तैयार नहीं थे तो अधिकारी भी प्याज बेचने तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि सरकार के निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत् राशन दुकानों से 2 रु. किलो के भाव से प्याज बिकना है लिहाजा पूरी प्याज राशन दुकानों को दे दी जायेगी। एक व्यापारी ने अपना लाभ देखा और 50 पैसा कमीशन देकर प्याज खरीदने तैयार हो गया। सत्तारूढ़ दल से जुड़े एक व्यापारी ने डेढ़ करोड़ रुपयों में यह प्याज खरीद ली। लिहाजा प्याज की बिक्री करने में लगे जिम्मेदार मालामाल हो गये।
मालवा की 50 हजार क्विंटल प्याज बिक गई 3 रु. के भाव
