भोपाल, कोरोना महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन का असर अन्य व्यवसाय के साथ ही सर्राफा व्यवसाय पर भी बुरी तरह से पड़ा है। यही वजह है कि इस व्यवसाय में अब तक करीब चालीस फीसदी की कमी आ चुकी है। लाकडाउन की समय सीमा में तीसरी बार हुई वृद्धि के बाद अभी इसमें और गिरावट के आसार बने हुए हैं। खास बात यह है कि लागू किए गए लॉकडाउन का समय ही इस कारोबार का सबसे मुफीद समय रहता है। इसकी वजह है इस अवधि में शादी व्याह के सर्वाधिक मुहूर्त होते हैं। इसके चलते ही सर्वाधिक जेवराज और गोल्ड की खरीदी बिक्री होती है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मार्च तिमाही में गोल्ड की मांग में 36 प्रतिशत की भारी कमी आई है, जबकि ज्वैलरी की मांग 11 साल के सबसे निचले स्तर पर है। आर्थिक अनिश्चितताओं और कोरोना देशव्यापी लॉकडाउन के कारण जनवरी-मार्च की तिमाही में सोने की मांग घटकर 102 टन रह गई है।
अगले माह की तिमाही में भी नहीं सुधरेगें हालात
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की पहली तिमाही के गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स की रिपोर्ट का अनुमान है कि वर्तमान हालात के चलते अगले माह से शुरु होने वाली तिमाही में हालत और भी खराब हो सकती है। जनवरी से मार्च के दौरान ज्वैलरी की मांग में 41 फीसदी की जबरदस्त गिरावट आई है। यह 11 साल के निचले स्तर 73.9 टन पर पहुंच गई। इस दौरान निवेश के लिए सोने की मांग में 17 फीसदी गिरावट आयी है। इसी तरह मार्च तिमाही के दौरान कुल सोने की मांग महज 102 टन रही, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 159 टन थी। इस दौरान वैश्विक गोल्ड डिमांड सिर्फ 1 फीसदी बढ़कर 1,083.8 टन पहुंच गई।
सोने की कीमतें
इस समय हजार कारोबार बंद है केवल वायदा कारोबार पर ही तेजी-मंदी चल रही है, जिसमें सोने का भाव 44,900 रुपये प्रति 10 ग्राम है। भविष्य में स्वर्ण मांग पर दबाव बने रहने का अनुमान है, क्योंकि लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है।