शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में युवा नेताओं को खास तवज्जो देने पर माथापच्ची की जा रही

भोपाल, मप्र में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह तय है। इस बार मंत्रिमंडल में अधिक से अधिक युवा विधायकों को जगह मिल सकती है, जिसके लिए कोई सर्वमान्य फार्मूला ढूंढा जा रहा है,लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को देखते हुए मंत्री बनने के दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। विस्तार से पहले ही विंध्य, मालवा और ग्वालियर चंबल संभाग में असंतोष के स्वर सुनाई देने लगे हैं। वहीं इस असंतोष को दूर करने के लिए पार्टी में फार्मूला तैयार किया जा रहा है। जिसके तरह अधिक से अधिक युवाओं को मंत्री बनाने पर विचार हो रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार में वर्तमान समय में मुख्यमंत्री सहित 6 मंत्री हैं। इस तरह मंत्रिमंडल में और 29 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुए समझौते के अनुसार कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायकों में से और 8 का मंत्री बनना तय है। ऐसे में 21 पद भाजपा के हिस्से में आएंगे। लेकिन पार्टी में तीन दर्जन से अधिक विधायक मंत्री बनने की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में इस बार मंत्रिमंडल विस्तार करना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।
संतुलन बनाना होगा मुश्किल
भाजपा सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में अधिकतम 24 मंत्री बनाने की संभावना है। इनमें से 8 मंत्री तो सिंधिया कोटे से होंगे। ऐसे में भाजपा के 16 विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा। यही आंकड़ा भाजपा में असंतोष का कारण बन रहा है। पार्टी में जहां पूर्व में मंत्री रहे सभी विधायक मंत्री बनने की मंशा पाले हुए हैं। वहीं तीन या उससे अधिक बार के विधायक भी मंत्री बनना चाहते हैं। इससे मंत्री बनने वालों की लंबी कतार हो गई है।
मंत्रिमंडल में नए चेहरों की मांग
मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मंत्री बनाने की मांग उठने लगी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि विगत दिनों विंध्य क्षेत्र के प्रमुख विधायकों ने बैठक करके संगठन से कहा है कि इस बार सिर्फ राजेंद्र शुक्ला नहीं चलेंगे। विंध्य में 30 में से 24 सीटें भाजपा ने जीती हैं, इसलिए अन्य को भी मौका मिले। गौरतलब है कि विंध्य क्षेत्र में भाजपा लगातार मजबूत हो रही है। लेकिन हर बार राजेंद्र शुक्ला को ही मंत्री बनने का मौका मिलता है। विंध्य के विधायकों का कहना है कि हम किसी का विरोध नहीं कर रहे। हमारी कोशिश यह है कि क्षेत्र को मंत्रिमंडल में अधिक प्रतिनिधित्व मिले। यही हाल मालवा और निमाड़ से भी है। इंदौर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच के दावेदार ओमप्रकाश सकलेचा, जगदीश देवड़ा, यशपाल सिंह सिसोदिया, डॉ. राजेंद्र पांडे, मोहन यादव, चेतन कश्यप, ऊषा ठाकुर, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया और रमेश मेंदोला ने संगठन के समक्ष अपनी बात रख दी है। भिंड से अरविंद भदौरिया नए चेहरे हो सकते हैं। विंध्य में राजेंद्र शुक्ला के अलावा गिरीश गौतम, नागेंद्र सिंह गुढ़, रामलल्लू वैश्य, जुगलकिशोर बागड़ी, नागेंद्र सिंह नागौद समेत कुछ और लोग भी बात रखने वालों में शामिल हैं। साफ है कि भाजपा के सामने मंत्रिमंडल विस्तार आसान नहीं होगा।
मंत्रिमंडल गठन के बाद से कई कोप भवन में
भाजपा ने जिस दिन मंत्रिमंडल का गठन किया उसी दिन से पार्टी के कई वरिष्ठ विधायक कोप भवन में चले गए हैं। यही नहीं कुछ विधायकों ने तो अपनी सरकार की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा में मंत्रिमंडल विस्तार भी मुश्किलों भरा रहेगा।
नए चौंकाने वाले चेहरे आ सकते हैं सामने
मप्र भाजपा संगठन के बाद अब सरकार में भी युवाओं का दबदबा देखने को मिलेगा। अगर ऐसा ही आगे हुआ तो कई वरिष्ठ पूर्व मंत्रियों का सियासी भविष्य खतरे में आ जाएगा। वहीं कई नए चौंकाने वाले चेहरे सामने आ सकते हैं। इसमें विंध्य, चंबल और मालवांचल को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार मालवा अंचल से रमेश मेंदोला के साथ ही उज्जैन संभाग से मोहन यादव को आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं, इंदौर से उषा ठाकुर और गुना-अशोकनगर में अनुसूचित जाति वर्ग में संतुलन बिठाने के लिए गोपीलाल जाटव को तो वहीं जबलपुर से इंदु तिवारी या नंदिनी मरावी को भी मौका दिया जा सकता है। इसी तरह से सीधी जिले के कुंवर सिंह टेकाम को तो बुदेलखंड से भी कोई नया चेहरा सामने आ सकता है। इसमें प्रदीप लारिया और ब्रजेंद्र प्रताप सिंह के नामों की चर्चा है।

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