मुंबई,महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। फणनवीस सरकार ने इसके लिए पैनल का गठन भी किया है, जो कर्जमाफी को लागू करने के लिए प्रारूप तैयार करेगा। सरकार के इस फैसले के बाद किसान नेताओं ने अब प्रदर्शन न करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि शनिवार को बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि या तो सरकार किसानों का कर्ज माफ करे या फिर मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहे। सीएम देवेंद्र फडणवीस भी काफी समय से किसानों से बात कर मामले को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र की राजनीति में जुलाई में भूकंप आने वाला है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्यप्रदेश में चल रहे किसानों के आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया था, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि एमपी के आंदोलन से सबक लेते हुए महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने पहले ही कर्जमाफी का ऐलान कर दिया। महाराष्ट्र में किसानों ने फसल खराब होने की वजह से कर्ज माफी तथा एमएसपी की गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए एक जून को आंदोलन शुरू किया था। महाराष्ट्र के किसानों ने देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ ‘किसान क्रांति’ नाम से आंदोलन शुरु किया था। पिछले दिनों आंदोलन कर रहे किसानों ने अहमदनगर जिले में बड़ी मात्रा में दूध बहा दिया था। वहीं किसानों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन जारी रखेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र में किसान आंदोलन की शुरुआत अहमद नगर जिले में गोदावरी नदी के किनारे बसे पुणतांबा गांव से हुई। सबसे पहले इसी गांव में हड़ताल हुई थी।