राजस्थान के 26 जिलों में कोरोना फैलने के बाद मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलेगी सर्दी जुकाम की दवा

जयपुर, राजस्थान में कोरोना 26 जिलों तक फैल गया है और रोगियों की संख्या 1535 तक पहुंच गई है। सर्वाधिक 543 मरीज राजधानी जयपुर में हैं और दूसरे नंबर पर 230 रोगियों वाला शहर जोधपुर है। प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने और संक्रमितों की पहचान के लिए नया कदम उठाया है।
सरकार ने अब दवा विक्रेताओं को बिना पर्ची सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार की दवाईयां देने पर पाबंदी लगा दी है। दरअसल, सामान्य फ्लू और कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षण प्रथम दृष्टया लगभग एक समान हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के बारे में भ्रांति और कोरोना संक्रमण की जांच के प्रति लोग अब भी झिझक रहे हैं। ऐसे में खांसी, जुकाम, गले में खराश एवं बुखार आदि यानी कोरोना के लक्षण के बाद भी लोग जांच नहीं करवा रहे हैं। ऐसे मरीज या बिमार लोग आस-पास के दवा विक्रेता (मेडिकल स्टोर) से प्राथमिक उपचार की दवाई बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं।
सरकार ने ऐसे संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए अब दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं कि बिना पर्ची सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार की दवाईयां नहीं दी जाएं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने प्रदेश में किसी भी केमिस्ट या दवा विक्रेता को बिना चिकित्सक की पर्ची के ऐसी दवाईयां उपलब्ध नहीं कराने के निर्देश दिए हैं। मेडिकल स्टोर संचालक को ऐसी दवा लेने वालों की जानकारी रखनी होगी। दवा विक्रेता ऐसे व्यक्ति का नाम-पता और टेलीफोन नंबर लेकर औषधि नियंत्रक अधिकारी या चिकित्सा संस्थान के प्रभारी को तुरंत सूचित करना होगा। सभी औषधि नियंत्रक अधिकारी या चिकित्सा संस्थान के प्रभारियों को भी प्रतिदिन उक्त सूचना को प्रतिदिन अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि विभाग की टीम द्वारा ऎसे व्यक्तियों से संपर्क कर स्क्रीनिंग और जांच आदि की कार्रवाई की जा सके।

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