मप्र में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ही मिलेगा कर्ज

भोपाल, शिवराज सरकार आने के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की बड़ी मुसीबत खत्म हो गई। समितियों के माध्यम से वर्ष 2019-20 में रबी और खरीफ फसलों के लिए किसानों को दिए गए कर्ज पर कोई ब्याज नहीं लगेगा। यह पहले की तरह शून्य प्रतिशत ब्याज पर जारी रहेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलने के बाद प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव ने योजना को निरंतर रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। समितियों ने 23 लाख किसानों को 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक अल्पावधि कृषि ऋण वितरित किया था।
सूत्रों के मुताबिक कमल नाथ सरकार आने के बाद सहकारिता विभाग ने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय को शून्य प्रतिशत ब्याज दर की योजना की निरंतरता के आदेश नहीं होने को लेकर पत्र भेजे थे। अपेक्स बैंक लगातार सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर स्थिति बता रहा था। दरअसल, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज देने के लिए अपेक्स बैंक को जरूरी राशि का इंतजाम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अलावा अपनी बचत से करना होता है।
सरकार की सैद्धांतिक सहमति के आधार पर कर्ज तो बांट दिया गया था लेकिन इसके औपचारिक आदेश जारी नहीं हो पाए थे। इसी बीच कमल नाथ सरकार ने जय किसान ऋण मुक्ति योजना लागू कर दी। कृषि, सहकारिता और वित्त विभाग इसी में उलझकर रह गए और शून्य प्रतिशत ब्याज दर की योजना की निरंतरता के आदेश जारी नहीं हो पाए।
हालांकि, वित्त विभाग ने इस पर सहमति दे दी थी लेकिन कैबिनेट निर्णय होना बाकी था। राजनीतिक उठापटक में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इस्तीफा दे दिया और भाजपा ने सरकार बनाई। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तो एक बार फिर सहकारिता विभाग ने फाइल चलाई। मुख्यमंत्री तक जैसे ही मामला पहुंचा, उन्होंने योजना की निरंतरता को स्वीकृति दे दी। शिवराज सरकार ने ही शुरू की थी योजना उल्लेखनीय है कि खेती की लागत घटाने के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को अल्पावधि फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना शिवराज सरकार ने ही लागू की थी।

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