मुंबई ,कहा जाता है कि पहली नजर का प्यार एवं आकर्षण ताउम्र बना रहता है। ऐसा हीं कुछ मशहूर अभिनेता राजकपूर और नरगिस के बीच हुआ था। जब 1948 में राज कपूर की नरगिस से पहली मुलाकात हुई तब वो बीस साल की थीं और तब तक वह आठ फ़िल्मों में काम कर चुकी थीं। राज कपूर की आयु उस समय बाइस साल थी और अभी तक उन्हें कोई फ़िल्म निर्देशित करने का मौका नहीं मिला था। उस मुलाकात की कहानी भी बड़ी रोचक है। राज कपूर को अपनी पहली फ़िल्म के लिए एक स्टूडियो की तलाश थी।
उसी दौरान उन्हें पता चला कि नरगिस की माँ जद्दन बाई मशहूर स्टूडियो में रोमियो एंड जूलिएट की शूटिंग कर रही हैं। राजकपूर वहाँ की सुविधाओं के बारे में जानना चाहते थे। जब राज कपूर उनके घर पहुंचे तो नरगिस ने खुद दरवाज़ा खोला। वो रसोई से दौड़ती हुई आईं थीं, जहाँ वो पकौड़े तल रही थीं। अचानक उनका हाथ उनके बालों से छुल गया और उसमें लगा बेसन उनके बालों में लग गया। नरगिस की इस अदा पर राज कपूर उन पर मर मिटे। बाद में उन्होंने इस दृश्य को हूबहू ’बॉबी’ फ़िल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया पर फ़िल्माया। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि नरगिस ने इस मुलाकात को किस तरह से लिया। टीजेएस जॉर्ज ने अपनी किताब ’द लाइफ़ एंड टाइम्स ऑफ़ नरगिस’ में लिखा है कि ’अपनी सबसे करीबी दोस्त नीलम को वो घटना बताते हुए नरगिस ने कहा कि एक मोटा, नीली आँखों वाला लड़का हमारे घर आया था। उन्होंने नीलम को ये भी बताया कि ’आग’ की शूटिंग के दौरान उस लड़के ने मुझ पर लाइन मारनी शुरू कर दी। जब नरगिस राज कपूर की पहली फ़िल्म ’आग’ में काम करने के लिए राज़ी हुई तो उनकी माँ ने ज़ोर दिया कि पोस्टर में उनका नाम कामिनी कौशल और निगार सुल्ताना से ऊपर रखा जाए। पृथ्वीराज कपूर के अनुरोध पर जद्दन बाई अपनी बेटी के लिए सिर्फ़ दस हज़ार रुपए की फ़ीस लेने पर राज़ी हो गईं। एक ही फ्रेम में कपूर खानदान। बाएं से राज कपूर की पत्नी, राज कपूर, शम्मी कपूर, पृथ्वीराज कपूर, ऋषि कपूर और रणधीर कपूर कपूर खानदान हालांकि बाद में नरगिस के भाई अख़्तर हुसैन ने ज़ोर दिया कि उनकी बहन का मेहनताना बढ़ा कर चालीस हज़ार रुपये कर दिया जाए, जो कि किया गया। ’आग’ की शूटिंग खंडाला में हुई थी और नरगिस की शक्की माँ जद्दन बाई भी उनके साथ वहाँ गई थीं। जब राज कपूर ने अपनी फ़िल्म ’बरसात’ की शूटिंग कश्मीर में करनी चाही तो जद्दन बाई ने साफ़ मना कर दिया।