दार्जिलिंग, पूरे बंगाल के स्कूलों में बंगाली पढ़ाए जाना अनिवार्य किए जाने के फैसले के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया है। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए आर्मी तैनात की गई है। प्रदर्शन को देखते हुए आज शुक्रवार को 12 घंटे का बंद रखा गया है। दार्जिलिंग घुमने आए हजारों सैलानी बंद के कारण फंस गए हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए आर्मी की मदद मांगी थी। राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने आर्मी की दो टुकड़ियां भेजी हैं। ये दोनों टुकड़ियां दार्जिलिंग स्थित सेना के बेस की हैं। हर टुकड़ी में 80 जवान हैं। दूसरी ओर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने शुक्रवार से अनिश्चतकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पूरे पहाड़ी इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की मांग है कि नेपाली को भाषा के रूप में पढ़ाया जाए या जरूरत हो तो हिंदी पढ़ाया जाए, लेकिन गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ममता के निर्णय के बिल्कुल खिलाफ है। जीजेएम के हजारों समर्थकों काले झंडों के साथ सड़कों पर उतर आए हैं। राज्य सरकार के लिए दार्जिलिंग वाले इलाके की महत्ता को दर्शाने के लिए ममता बनर्जी ने पहली बार इस इलाके में कैबिनेट बैठक की है। इसके बाद से जीजेएम का विरोध प्रदर्शन हर घंटे तेजी से बढ़ता जा रहा है। विरोध प्रदर्शन बैठक स्थल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर हो रहा है, जहां प्रदर्शनकारी ममता सरकार विरोधी नारे लगाने के साथ मुख्यमंत्री का पुतला जला रहे हैं। हालांकि प्रदर्शनकारी बहुत देर तक खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाए और प्रदर्शन काबू से बाहर हो गया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। साथ ही प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
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