भोपाल, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में विकास का नया इतिहास बनाया जाएगा। आदिवासी क्षेत्रों से पलायन को रोकने, रोजगार देने और स्थानीय उपज का उचित दाम दिलाने के लिए सुनियोजित योजनाएं बनेंगी। कमल नाथ आदिवासी बाहुल्य डिण्डौरी जिले में माता शबरी जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह एवं आदिवासी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
नाथ ने कहा कि आदिवासी इलाकों के विकास के लिए जो योजनाएं बनी थीं और वर्षों से धूल खा रहीं हैं, ऐसी योजनाओं को लागू कर आदिवासी भाईयों तक उनका लाभ पहुँचाया जाएगा। श्री कमल नाथ ने यह बात बरगी बाँध निर्माण के समय डिण्डौरी जिले को भी नर्मदा नदी का लाभ देने की योजना के संदर्भ में कही। यह योजना दस हजार करोड़ लागत की है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की शान आदिवासी समाज का सर्वांगीण विकास हो। उन्हें काम की तलाश में बाहर ना जाने पड़े। घर में, गाँव में ही, उनके पास रोजगार हो, सरकार इसके लिए प्रयासरत है।
मानवता और सरलता की प्रतिमूर्ति है माता शबरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि माता शबरी मानवता और सरलता की प्रतिमूर्ति हैं। यही कारण है कि उनके प्रति आदिवासी समाज में अगाध श्रृद्धा और आस्था है। उन्होंने कहा कि यह सबसे पवित्र दिन है, जब आदिवासी युवा संकल्प लें कि वे आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को अपनाएंगे और अपने गौरवशाली इतिहास को सदैव अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जाति होने के बाद भी आदिवासी समाज में जो एकजुटता है, वह उनकी संस्कृति और संस्कार की ही शक्ति है, जिसे बुजुर्गों ने अपनाया और सुरक्षित रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज विकास प्रक्रिया में सहभागी बना है। आवश्यकता इस बात कि है कि अपने अधिकार और हक के लिए आदिवासी वर्ग एवं उनके प्रतिनिधि अपनी आवाज को बुलंद करें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें।
रोजगार और कृषि क्षेत्र में नई नीतियाँ लागू
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में युवाओं को, जिन पर मध्यप्रदेश और देश के निर्माण की जिम्मेदारी है, उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश का एक नया माहौल बनाया गया है। कृषि क्षेत्र में किसान कर्ज मुक्त होकर अपनी उपज का सही दाम प्राप्त करें, इसके लिए नई नीतियाँ लागू की जा रही हैं। जय किसान फसल ऋण माफी योजना में 22 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया है।