ई-टेंडर घोटाले में केंद्र और राज्य आमने-सामने, ईओडब्ल्यू ने कहा हमने केंद्रीय एजेंसी को पूरा डाटा दिया

भोपाल, मध्य प्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडर घोटाले में अब केंद्र और राज्य सरकार की जांच एजेंसियों में टकराव हो रहा है। टेंडर से जुड़े डाटा को लेकर दोनों एजेंसियों के अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि ईओडब्ल्यू ने उसे पूरा डाटा नहीं दिया, लेकिन ईओडब्ल्यू का कहना है डाटा तो पूरा भेज दिया गया है। दोनों एजेंसियों के बीच इस टकराव की वजह से इस घोटाले की तकनीकी रिपोर्ट नहीं आ पा रही है। इसे खत्म करने के लिए 12 फरवरी को दोनों एजेंसियों के अफसर आमने-सामने बैठकर बात करेंगे। शिवराज सरकार में हुए कथित ई-टेंडर घोटाले की जांच कमलनाथ सरकार में शुरू हुई थी। ईओडब्ल्यू ने सबसे पहले नौ टेंडर में गड़बड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। ईओडब्ल्यू के तत्कालीन डीजी केएन तिवारी ने बंगलुरू से आए विशेषज्ञ और जांच से जुड़े अफसरों की मदद से तमाम टेंडर से जुड़ा डाटा तकनीकी रिपोर्ट के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम यानि सर्ट-इन को भेजा था। सर्ट-इन ने कुछ ही महीनों में तीन टेंडर की रिपोर्ट भी ईओडब्ल्यू को भेजी थी। बाकी के छह टेंडर की रिपोर्ट अभी तक नहीं भेजी गई।
10 महीने में लिखे कई पत्र
तत्कालीन डीजी केएन तिवारी के समय भी कई बार सर्ट-इन ने पत्र लिखकर बाकी के छह टेंडर की तकनीकी रिपोर्ट एडह से मांगी, लेकिन वहां से कोई जबाव नहीं आया। इधर, ईओडब्ल्यू के अधिकारी भी दूसरे मामलों की जांच में उलझ गए। दो महीने पहले ही केएन तिवारी की जगह पर नए डीजी सुशोभन बेनर्जी आए। उन्होंने तकनीकी रिपोर्ट भेजने के लिए सर्ट-इन को पत्र लिखे, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। बार-बार पत्र भेजने से परेशान सुशोभन बेनर्जी खुद ही सर्ट-इन के दिल्ली स्थित ऑफिस पहुंच गए। उन्होंने टेंडर की तकनीकी रिपोर्ट का स्टेटस मांगा तो सर्ट-इन के अफसरों से चौंकाने वाला जवाब मिला। अफसरों ने बनर्जी को बताया कि टेंडर से जुड़ा पूरा डाटा ईओडब्ल्यू से आया ही नहीं है, इसलिए तकनीकी रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईओडब्ल्यू के अफसरों ने जांच के लिए टेंडर का अधूरा डाटा भेजा है।
ईओडब्ल्यू ने कहा- हमने पूरा डाटा भेजा
दिल्ली से भोपाल लौटे ईओडब्ल्यू डीजी सुशोभन बेनर्जी ने जब ईओडब्ल्यू के अफसरों से डाटा के बारे में पूछा, तो वहां से भी चौंकाने वाला जवाब मिला। ईओडब्ल्यू के अफसरों ने दावा किया कि उन्होंने सर्ट-इन को टेंडर से जुड़े पूरे रिकॉर्ड, दस्तावेज और डाटा भेज दिया है। ईओडब्ल्यू के अफसरों का कहना है डाटा भेजने के लिए बंगलुरू से आए आईटी एक्सपर्ट की मदद ली गई थी।
अब आमना-सामना
डीजी सुशोभन बनर्जी ने बताया कि जांच में तकनीकी रिपोर्ट की बहुत जरूरत है। रिपोर्ट के बाद दूसरे टेंडर की जांच भी कराना है। ईओडब्ल्यू और सर्ट-इन के अफसरों के अपने-अपने तर्क हैं। डाटा को भेजने और न भेजने को लेकर कौन सही बोल रहा है और कौन झूठ, इसका पता लगाने और जांच में तेजी लाने के लिए इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस की टीम और ईओडब्ल्यू के अफसरों का आमना सामना कराया जाएगा। दस महीनों से छह टेंडर की तकनीकी रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने बताया कि ईओडब्ल्यू के अफसरों और बेंगलुरू से आए तकनीकी विशेषज्ञ ने पूरा डाटा सर्ट इन को भेजने का दावा किया है। सर्ट-इन ने नौ टेंडर में से सिर्फ तीन की तकनीकी रिपोर्ट भेजी है। बाकी के छह टेंडर की रिपोर्ट आज तक नहीं मिली है। 12 फरवरी को सर्ट इन के अधिकारी को भोपाल स्थित ईओडब्ल्यू के हैडक्वार्टर बुलाया गया है।

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