लंदन, जिन बच्चों का वजन जन्म के समय काफी कम होता है, उन्हें आगे चलकर हृदय रोगों का खतरा अधिक रहता है। यह कहना है शोधकर्ता वैज्ञानिकों का। उनके अनुसार, आगे चलकर बच्चों में बोलने की क्षमता, ध्यान केंद्रित करने और समन्वय क्षमता कमजोर होती है। जन्म के समय बच्चों का सामान्य वजन 2.5 किलो होता है। स्वीडन स्थित उमिया यूनिवर्सिटी में हुए शोध में कहा गया है ढाई किलो से कम वजन के नवजात में संज्ञानात्मक परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा उन्हें डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों भी हो सकते हैं। प्रमुख शोधकर्ता जोसेफीन स्टार्नबर्ग ने कहा कि कम वजन के नवजात, जिन्हें आयरन सप्लिमेंट दिए गए उन्हें स्कूल जाने की उम्र में लो ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। जन्म के समय इनका वजन दो से ढाई किलो के बीच था। इन सभी के वजन, लंबाई, शारीरिक संरचना, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और इनसुलिन से संबंधित आंकड़े लिए गए। इन बच्चों की आईक्यू और सामान्य वजन वाले बच्चों की आईक्यू का भी तुलनात्मक अध्ययन किया गया। जिन बच्चों का वजन मामूली रूप से कम था उनके सात वर्ष की उम्र तक भी कम वजन का रहने की आशंका थी।शोधकर्ताओं ने 285 बच्चों के आकड़ों पर अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। विशेषज्ञों ने सामान्य वजन के 100 अन्य बच्चों के आंकड़ों का भी अध्ययन किया।
जिन नवजात शिशुओं का वजन, ढाई किलो से कम होता है उन्हें मना जाता है कमजोर
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