मुंबई,कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के बीच दूध और दालों की कीमत में बढ़ौतरी के कारण आरबीआई ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई ने समग्र खुदरा महंगाई के अनुमान को अत्यधिक अनिश्चित बताया। आने वाले समय में खाद्य महंगाई, कच्चे तेल की कीमत और सेवाओं के लिए इनपुट लागत के आधार पर खुदरा महंगाई का अनुमान तय होगा। आरबीआई ने चालू कारोबारी साल के लिए अपनी आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा कि खाद्य महंगाई की दर दिसम्बर में दर्ज उच्च स्तर से नीचे आएगी क्योंकि खरीफ और रबी फसलों के बाजार में आने से प्याज की कीमत घटेगी। आरबीआई ने कहा कि हम यह मानकर चलते हैं कि कारोबारी साल 2020-21 मानसून सामान्य रहेगा। इस धारणा के आधार पर अगले कारोबारी साल की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर घटकर 5-5.4 प्रतिशत पर आ सकती है। अगले कारोबारी साल की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसम्बर 2020 में खुदरा महंगाई की दर और घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ सकती है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी. कानूनगो ने कहा कि जमा बीमा 5 गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने से बैंकों के बही खाते पर असर नहीं पड़ेगा। हाल ही में पीएमसी बैंक समेत कई सहकारी बैंकों के विफल होने को देखते हुए बजट में निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) को बीमा दायरा एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने को मंजूरी दी गई। कानूनगो ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद कहा कि जमा बीमा की समीक्षा से बैंक के बही-खातों पर बहुत असर नहीं होगा।