नई दिल्ली,भारतीय रेलवे अपनी कमाई में इजाफा करने के लिए रेलवे अब अपनी खाली पड़ी जमीन और सोलर सिस्टम और इलेक्ट्रिफिकेशन पर करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में इसकी घोषणा भी कर दी। शनिवार को संसद में पेश किए गए बजट में उन्होंने कई बड़े-बड़े ऐलान किए जिससे ये लग रहा है कि रेलवे अगले बजट से पहले काफी अच्छी स्थिति में आ जाएगा।
उन्होंने देश में तेजस जैसी और कई ट्रेनें चलाए जाने की भी घोषणा की, इसी के साथ ये भी कहा कि इन तेजस ट्रेनों को पर्यटन स्थलों से जोड़ा जाएगा जिससे पर्यटकों को सुविधा हो। जो यात्री रेलवे स्टेशन पर पहुंचते हैं और वहां पर पहुंचने के बाद अपने को बोर महसूस करते हैं। ये भी कह सकते हैं कि कई बार स्टेशन पर उनके मोबाइल में नेटवर्क नहीं होता है तो उनको स्टेशन पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे 550 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है और वहां पर उन्हें सबसे पहले उपलब्ध कराया जाएगा।
कुछ साल पहले तक अक्सर ये सुनाई पड़ता था कि ट्रेन की चपेट में आने से लोगों की मौत हो गई, गांव देहात के इलाके में ऐसे हादसे आए दिन हो रहे थे। वित्त मंत्री ने संसद को बताया कि अब देश से ऐसे सभी मानव रहित क्रॉसिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। रेलवे अब अपने नेटवर्क को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करने की तैयारी कर रहा है, इसी दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बजट में रेलवे अपने 27 हजार किलोमीटर ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन करेगा। इसके अलावा रेलवे पटरियों के किनारे जहां पर काफी संख्या में खाली जमीन पड़ी हुई है वहां पर सोलर पावर ग्रिड लगाए जाएंगे। ऐसी सभी जगहों पर ऐसे पावर ग्रिड बनाए जाएंगे और उनका इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अब इस बजट में 148 किलोमीटर बेंगलुरु उपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनाया जाना है। इस सिस्टम को बनाने पर कुल 18 हजार 600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस ट्रेक को बनाने में केंद्र सरकार की भी भूमिका होगी। केंद्र का हिस्सा 25 फीसदी होगा। इस बजट में रेल और मेट्रो की 300 किलोमीटर की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। बजट में राष्ट्रीय परिवहन कार्ड का भी ऐलान किया गया, जिसका उपयोग सड़क, रेलवे समेत परिवहन के सभी साधनों में किया जा सकेगा। उन्होंने रेलवे किराए में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया। इस कानून के जरिए रेल यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभागीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे किराया तय करेगी।