नई दिल्ली,ऑफलाइन विक्रेताओं के बायकॉट की धमकी और सरकार की बढ़ती निगरानी के दबाव में अगर मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनियां ऑनलाइन सहित सभी रिटेल चैनल्स पर दाम बराबर रखने पर मजबूर होती हैं, तो ऑनलाइन खरीददारी पर मिलने वाला भारी डिस्काउन्ट बंद हो सकता है। इस निर्णय के बाद हैंडसेट कंपनियों को क्रेताओं को लुभाने के लिए अपनी विपणन रणनीति में बदलाव करना होगा। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी), इंडिया में रिसर्च डायरेक्टर नवकेंदर सिंह ने कहा इसका कुछ हद तक कीमतों पर असर पड़ सकता है। ऑफलाइन ऑपरेशन की लागत ऑनलाइन के मुकाबले ज्यादा होती है, तो ब्रैंड्स को दोनों चैनलों पर कीमतों में तालमेल बनाना पड़ेगा।
मोबाइल फोन की ऑनलाइन लागत हैंडसेट ब्रैंड्स के साथ एक्सक्लूसिव डील के चलते फिजिकल स्टोर के मुकाबले अमूमन 2,000-3,000 रुपए कम होती है। टेकआर्क रिसर्च के डेटा के मुताबिक, अभी कुल स्मार्टफोन की बिक्री में ईकॉमर्स चैनल की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है। हालांकि शाओमी, सैमगसंग, वीवो, ओपो और रियलमी ने बढ़ते दबाव के बीच एक्सक्लूसिव ऑनलाइन लॉन्च खत्म कर दोनों सेल्स चैनलों पर कीमतों को बराबर रखने की मंशा जाहिर की है। चाइनीज फोन मेकर वीवो ने पिछले महीने अपने रिटेल पार्टनर्स को लिखित भरोसा दिया है कि वह दोनों प्लैटफॉर्म पर प्रॉडक्ट की एक ही समय और समान कीमत पर लॉन्चिंग सुनिश्चित करेगी।
रियलमी इंडिया के सीईओ माधव सेठ ने कहा कि कंपनी के स्मार्टफोन के दाम में कोई इजाफा नहीं होगा। उन्होंने बताया, हम एक ब्रैंड के तौर पर पहले ही ऑनलाइन और ऑफलाइन समेत अपने सभी ग्राहकों को दोनों प्लैटफॉर्म पर समय और कीमत में बिना किसी अंतर के प्रॉडक्ट ऑफर कर रहे हैं। हमारा मानना है कि किसी खास प्लैटफॉर्म से खरीदारी करने वाले ग्राहक के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। सेठ ने कहा कि ऑनलाइन और ऑफलाइन के बीच अंतर से स्मार्टफोन कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी क्योंकि मार्केट और भी ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो रहा है। इससे ग्राहकों को फायदा होगा और उन्हें अपने मनमुताबिक प्रॉडक्ट खरीदने के लिए पर्याप्त विकल्प मिलेंगे।