रायपुर,सेंट्रल जोन इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाले केंद्र के अंश को 42 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आने वाले साल के लिए राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी कंपनसेशन का जो प्रोजेक्शन किया गया है, वह बेहद कम है, जो कि चिंता की बात है। कमल नाथ ने कहा कि राज्यों के सामने एक बड़ी समस्या यह भी खड़ी हो रही है कि केंद्र से जो जीएसटी क्षतिपूर्ति मिलता है, उसमें लेटलतीफी हो रही है। अक्टूबर महीने का फंड दिसंबर में जारी किया गया, जबकि निर्धारित समय सीमा में यह राशि राज्यों को देनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार का इन मसलों पर राज्यों को पूरा सहयोग मिलेगा।
राज्यों के साथ बेहतर समन्वय बनाएगा केंद्र
गृहमंत्री शाह ने बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संघीय ढांचे के लिए ये बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी कल्पना ही इसलिए की गई है कि राज्य के छोटे-बड़े मुद्दों के साथ राज्यों के आपस के समन्वय को बेहतर बनाया जा सके। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्रीय परिषद की बैठक को नियमित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। राज्यों के मुद्दों के अलावा केंद्र के भी मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर विकास की नई दिशा तय करना चाहती है। हमारी दिशा केंद्र की राज्य के साथ बेहतर समन्वय बनाने की है।
इन मुद्दों पर चर्चा
बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि नक्सलवाद, वन अधिकार पट्टे जैसे बड़े मुद्दों के साथ ही जीएसटी और अन्य कई विषयों पर चर्चा हुई। नक्सल प्रभावित गांवों को आपस में जोडऩे वाली सड़क पीएमजीएसवाई के तहत बनाने की स्वीकृत इस बैठक के दौरान हुई है। राज्य में उत्पादित बचत अनाज के क्रय की व्यवस्था केंद्र सरकार से करने की मांग भी की गई है। बैठक में सीएम नाथ और बघेल के अलावा यूपी से योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड से त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए।
सीएम कमल नाथ ने गृहमंत्री शाह के सामने उठाया जीएसटी का मुद्दा बोले क्षतिपूर्ति 42 से बढ़ाकर 50 फीसद हो
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