अगले महीने के शुरू में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, गरज-चमक के साथ बारिश भी संभव

भोपाल, प्रदेश में एक बार फिर गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। अगले महीने फरवरी की शुरुआत में ठंड जोर पकड सकती है। यह कहना है मौसम वैज्ञानिकों का। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पूर्वी मध्य प्रदेश के रीवा, शहडोल एवं जबलपुर संभागों के जिलों के कुछ हिस्सों में तथा ग्वालियर व चंबल संभागों में अगले 48 घंटों में गरज के साथ बारिश के आसार हैं।वहीं, 29 से 31 जनवरी के दौरान उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई इलाकों में घने कोहरे की संभावना है। 30 जनवरी से उत्तरी ठंडी हवाएं पश्चिमी मप्र के इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं होशंगाबाद संभागों के जिलों में पहुंच जाएगी। इससे न्यूनतम तापमान में 3 से 6 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है। यानि कड़ाके की सर्दी वापसी कर सकती है। एक फरवरी से कड़ाके की ठंड का दौर फिर शुरू होगा। इधर, अगले 3-4 दिन के दौरान न्यूनतम तापमान में पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में 3 से 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और पूर्वी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि पश्चिमी पाकिस्तान के ऊपर एक चक्रवाती सर्कुलर बना हुआ है। इसके असर से मंगलवार से गरज-चमक के साथ हिराना, चंडीगढ़ और राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है। वहीं, पूर्वी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। आसमान खुला रहने से सूर्य की रोशनी सीधे धरती पर पड़ने से हल्की गरमी का अहसास हुआ। पिछले 24 घंटे में भोपाल के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 0.9 डिग्री अधिक रहा। पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।वहीं, न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 1.7 डिग्री अधिक रहा। पिछले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में 3.2 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इधर, सुबह तेज धूप खिली, लेकिन दोपहर आते-आते हवाएं चलने लगी और बादल छा गए। इसके कारण रात फिर से सर्द होना शुरू हो गई। प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहा। न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। भोपाल, उज्जैन व चंबल संभागों में सामान्य से अधिक एवं शेष संभागों के जिलों में सामान्य या सामान्य से कम तापमान रिकॉर्ड किया गया।

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