केंद्र बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को दे सकता है बढ़ा कर पेंशन

नई दिल्ली, केंद्र सरकार बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को सौगात देने की तैयारी कर रही है। दरअसल, सरकार सामाजिक सहायता कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर बदलाव करने पर काम कर रही है जिससे वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और विकलांगों की पेंशन बढ़ सकती है। 80 साल से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों की मासिक पेंशन 500 रुपये से बढ़कर 1,000 रुपये और 79 साल तक के वृद्धों की पेंशन मौजूदा 200 रुपये से बढ़कर 500 रुपये हो सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (एनएसएपी) में प्रस्तावित बदलाव के जरिए पेंशन को महंगाई से जोड़ा जाएगा। लाभार्थियों की पहचान के लिए सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम योजना में आमूलचूल परिवर्तन करने पर विचार कर रहे हैं। पेंशन की रकम बढ़ाने, लाभार्थियों की पहचान के लिए एसईसीसी डेटा की मदद लेने और इन योजनाओं के तहत 100 प्रतिशत डीबीटी ट्रांसफर अपनाने के प्रस्तावों पर विचार विमर्श हो रहा है।’ एसईसीसी लिंकेज से मौजूदा सूची में दो करोड़ से ज्यादा लाभार्थी जुड़ेंगे और इस मद में सरकारी खजाने से होने वाला खर्च लगभग दोगुना हो जाएगा।
मंत्रालय सामाजिक सुरक्षा के लिए एनएसएपी की कई योजनाओं के तहत हर साल 3.1 करोड़ लाभार्थियों पर 9,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। फिलहाल लाभार्थियों की पहचान सुरेश तेंडुलकर कमेटी की बताई गरीबी रेखा के हिसाब से की जाती है। पूरी तरह केंद्र सरकार के फंड से चलने वाले एनएसएपी कार्यक्रम में बुजुर्गों के लिए चार पेंशन और अक्षमता सहायता योजनाएं शामिल हैं। इनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीओएपीएस) शामिल है जिसमें गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के 60 साल या अधिक उम्र के लोगों को 79 साल की उम्र तक हर महीने 200 रुपये और उसके बाद 500 रुपये की मासिक पेंशन दी जाती है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीओएपीएस) में गरीबी रेखा से नीचे की 40 से 59 साल की विधवा 200 रुपये मासिक पाने की हकदार होती है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (आईजीओएपीएस) के तहत गरीबी रेखा से नीचे के 18 से 59 साल के विकलांग को 200 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। इसके अलावा राष्ट्रीय परिवार कल्याण योजना (एनएफबीएस) में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार में 18 से 64 साल के मुख्य कमाऊ सदस्य की मौत हो जाने पर परिवार को एकमुश्त 10,000 रुपये की सहायता दी जाती है।

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