भोपाल, अगले वित्त वर्ष के दौरान शराब दुकानों का ठेका पाने के लिए ठेकेदारों को न्यूनतम 25 फीसदी राशि अधिक चुकानी होगी। अब तक शराब ठेकेदार अपसेट प्राइस से 15 प्रतिशत ज्यादा राशि देकर शराब दुकानों को रीन्यू करा लिए करते थे , लेकिन अब ऐसा नही हो सकेगा। इसके लिए सरकार नई आबकारी नीति में प्रावधान करने जा रही है। पिछले साल के मुकाबले इस बार शराब दुकानों की अपसेट प्राइस में 25 फीसदी की वृद्वि की जा रही है। इसमें अधिक बोली लगाने वाले को ही शराब दुकान आवंटित की जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में 30 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। दरअसल, राज्य सरकार भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है। केंद्र से राज्य को उसके हिस्से की राशि नहीं मिलने की वजह से उसकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इसलिए राज्य सरकार अपने पास उपलब्ध संसाधनों से अधिकतम राजस्व जुटाने के प्रयास कर रही है। यही वजह है कि आबकारी विभाग से अधिकतम राजस्व जुटाने के लिए नई आबकारी नीति में शराब दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया में संशोधन किया गया है। आबकारी विभाग की माने तो शराब दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में बदलाव से सरकार को 4 हजार करोड़ अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। प्रदेश में शराब की करीब 3600 दुकानें हैं। इनमें 1061 विदेशी शराब दुकानें और करीब 2500 देसी शराब दुकानें हैं।
महंगी होगी शराब
शराब दुकानों की अपसेट प्राइस 25 प्रतिशत बढ़ाए जाने का सीधा असर शराब की कीमतों पर पड़ेगा। प्रदेश में शराब और महंगी हो जाएगी। वर्तमान में देश में मध्यप्रदेश में शराब सबसे महंगी है। 2019-20 में आबकारी विभाग से 13 हजार करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है, लेकिन विभाग से अधिकतम 11 हजार करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान है।
सरकार पहले ही कर चुकी है उप दुकानें खोलने का निर्णय
इससे पहले राज्य सरकार प्रदेश में शराब की उप दुकानें खोलने का फैसला कर चुकी है। उप दुकान खोलने के लिए शराब दुकान संचालक को सालाना शराब ठेके के अतिरिक्त राशि देना होगी। शहरी क्षेत्र में 5 किलोमीटर की परिधि में शराब की दुकान नहीं होने पर, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि में शराब दुकान नहीं होने पर उप दुकान खोलने की मंजूरी दी जाएगी। शराब दुकान के लायसेंस शुल्क के आधार पर उप दुकानों के अतिरिक्त शुल्क का स्लैब तैयार किया गया है। इस फैसले से प्रदेश में करीब 500 उप दुकानें खोलने का अनुमान है। इससे सरकार को सालभर में करीब 1500 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने के आसार हैं।