लंदन, कई सालों तक लंबी बहस के बाद आखिरकार ब्रिटेन की संसद ने ब्रेग्जिट विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन की महारानी से मंजूरी मिलते ही यह औपचारिक रूप से कानून का शक्ल ले लेगा। इस तरह ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन (ईयू) से बाहर निकलने की तरफ एक और निर्णायक कदम बढ़ा लिया है। 31 जनवरी को ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाएगा और हालिया कदम बेहद अहम माना जा रहा है। निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस पहले ही ईयू से निकलने से संबंधित इस बिल पर मुहर लगा चुका है। ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉड्र्स में इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई और कुछ सुझाव भी पेश किए गए। इसके तहत, यूरोपीय यूनियन के नागरिकों केअधिकार और बाल शरणार्थी से संबंधित कुछ बदलाव थे। हालांकि, अब इस बार सदन में चर्चा केदौरान सुझाए गए पांच सुझाव (चाइल्ड रिफ्यूजी भी शामिल) को अस्वीकृत कर दिया गया। इस सुझाव को अस्वीकृत किए जाने पर पूर्व सांसद अल्फ डब्स ने निराशा भी जताई। उन्होंने कहा, यह बहुत ही निराशाजनक है कि हाउस ऑफ लॉड्स में जीत केबाद हाउस ऑफ कॉमंस में चाइल्ड रिफ्यूजी से संबंधित सुझाव को नामंजूर कर दिया गया। संसद में ब्रेग्जिट विधेयक को मंजूरी ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन केलिए राहत भरा फैसला है। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता जॉनसन ब्रेग्जिट केप्रबल समर्थक रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि चाहे कुछ भी हो जाए ब्रिटेन 31 अक्टूबर तक बिना समझौते के ईयू से बाहर निकल जाएगा। यहां तक कि जॉनसन ने कहा था कि वह इसके परिणामों केलिए तैयार हैं।