भोपाल, व्यापमं महाघोटाले की पुरानी शिकायतों की जांच कर रही एसटीएफ ने व्यापमं और चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के तत्कालीन अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरु यकर दिया है। सुत्रो के अनुसार अपनी जाचं मे तेजी लाते हुए एसटीएफ ने कई अधिकारियो को नोटिस देकर पहले दोर की पूछताछ की है। अंदरुनरी सुत्र बताते है कि व्यापमं के पूर्व नियंत्रक सुधीर सिंह भदौरिया ने मुन्ना भाइयों के परीक्षा देने का मामले परीक्षा केंद्र प्रभारी, पर्यवेक्षक को दोषी बताया तो चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के तत्कालीन संचालकों एसएस कुशवाह, डॉ. एनएम श्रीवास्तव और डॉ. एससी तिवारी ने मुन्नाभाईयो के कागजात की जांच में हुई लापरवाही को निचले स्टाफ की गलती बताकर अपने आपको निर्दोष बताया है। सुत्रो के अनुसार एसटीएफ द्वारा इन अधिकारियों से दूसरे दौर की भी पूछताछ होगी। गोरतलब है कि राज्य सरकार ने एसटीएप को व्यापमं घोटाले की 197 पुरानी शिकायतों की जांच का जिम्मा सौंपा है, जिसमें एसटीएफ ने अब तक 10 एफआईआर दर्ज की हैं। सूत्रों ने बताया कि इनमें पीएमटी 2009 में मुन्ना भाई की मदद से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बैतूल में सरकारी डॉक्टर के रूप में काम कर रहे डॉ. पल्लव अमृतफाले व ग्वालियर में निजी हॉस्पिटल में चिकित्सक डॉ. हितेष अलावा को लेकर व्यापमं घोटाले के तत्कालीन नियंत्रक सुधीर सिंह भदौरिया से कुछ सवाल किए गए। व्यापमं घोटाले में सामने आए इंजन-बोगी के सैकड़ों प्रकरणों का खुलासा होने पर अमृतफाले व अलावा के मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों की परीक्षाएं किन्हीं दूसरे व्यक्ति द्वारा दिए जाने के साक्ष्य सामने आए हैं और इसी तरह की गड़बड़ी सीबीआई द्वारा विभिन्न् प्रवेश परीक्षाओ में सामने आ चुकी हैं। वही तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा संचालकों ने एसटीएफ को पूछताछ में अपनी जिम्मेदारी से इनकार किया है। गोरतलब है कि दस्तावेजों के परीक्षण का काम गांधी मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग के दौरान होता है जिसके लिए टीम बनाई जाती है। टीम में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी होते हैं।
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व्यापम घोटाले में एसटीएफ ने शिंकजा कसना किया शुरु
