जबलपुर, तिलवारा थाना अतंर्गत भैरवनगर क्रेशर बस्ती से गुरुवार की देर रात ३ बजे माता-पिता के साथ सो रही एक साल १० माह की बच्ची देविका के अपहरण हो जाने से पूरा पुलिस महकमा सख्ते में है। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह कल बच्ची के घर परिजनों से पूछताछ करने पहुंचे और अधिकारियों से अब तक की कार्रवाई का फीडबैक लिया। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह के मुताबिक अब तक इस मामलें में तीन दर्जन लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। पुलिस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनायें हुये है। ८ अफसरों से सहित सायबर टीम के लोग भी बच्ची की तलाश में जुटी हुई है। यहां उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण हटायें जाने के बाद बेघर बार हुआ भैरवनगर क्रेशर बस्ती निवासी मोनू वाल्मिक और उसकी पत्नी प्रीति के साथ १ साल १० माह की मासूम बच्ची देविका सो रही थी। सुबह ६.३० बजे माता-पिता की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनकी बच्ची गायब है। उसके बाद हडकंप मच गया। उसके बाद तिलवारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
अतिक्रमण में टूटी मकान की दीवार
बताया गया है कि हाल ही में अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान वाल्मिक की दीवार तोड़ दी गई थी। इसके बाद परिवार वालों ने टूटी हुई दीवार की घेराबंदी कर ली थी लेकिन वह सुरक्षात्मक नहीं थी। अपहरण करने वालों ने घर ईंट अलग की और बच्ची का अपहरण कर ले गये।
फिरौती की संभावना कम
देविका के अचानक लापता हो जाने के कारण पूरी बस्ती में हडकंप का माहौल बना हुआ है। आसपास के लोग पीड़ित परिवार को ढांढस बंधा रहे है। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह भी कल पीड़ित परिवार के बीच पहुंचे और उनसे जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब तक ४५ संदिग्धों से पूछताछ की है लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस का मानना है कि किसी बेहद करीबी व्यक्ति का इस मामलें में हाथ हो सकता है क्योंकि अपरिचित अपराधी ऐसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकता है।
बच्ची की जिदंगी बेहद अहम
पुलिस का कहना है कि अपहरण के इस मामलें में बच्ची की जान बचाना सबसे अहम बात है। आरोपी कोई भी हो आज नहीं तो कल पुलिस के फंदे में आयेगा। फिलहाल मासूम देविका को सुरक्षित तलाश कर पाना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर, देहात, क्राईम ब्रांच की ८ अधिकारियों के साथ १०० जवानों की टीम बच्ची की तालाश में लगी हुई है।
मासूम देविका का अपहरण रहस्य बना, संदिग्धों से पूछताछ पर नतीजा सिफर
