जबलपुर, रेलवे प्रशासन द्वारा अलग-अलग स्टेशनों से अपेक्षा से कम आमदनी देने वाली ट्रेनों और अनावश्यक स्टॉपेज हटायें जायेंगे। यहां उल्लेखनीय है कि पिछले 10 सालों से कुछ ट्रेनों का प्रायोगिक ठहराव किया जा रहा था। इनकी समीक्षा की जायेगी। हर रेल मंडल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि उनके स्तर पर ऐसे डाटा तैयार किए जाएं और उन्हें पब्लिक डोमेन में डाला जाए, यानी सार्वजनिक कर दिया जाए, ताकि भविष्य में ठहराव वापस लेने को लेकर विरोध की स्थिति न बने। स्टॉपेज बनने से पहले जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जायेगी। रेलमंत्री पीयूष गोयल के इच्छा जाहिर करने के बाद रेलवे विभाग ने इसको लेकर कवायद शुरु कर दी है। रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कोचिंग एमएस भाटिया ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिया है।
क्या है आदेश
रेलवे बोर्ड ने कहा कि एक अप्रैल 2009 से 31 मार्च 2019 तक के प्रायोगिक ठहराव वाली ट्रेनों की लिस्ट तैयार की जाए। इसके साथ ही उन सभी ट्रेनों का डाटा तैयार कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए, जो यात्रियों के लिए गैरजरूरी हैं।
जनप्रतिनिधियों से ली जाएगी सहमति
रेलवे उन ट्रेनों का स्टॉपेज बंद करेगी, जो गैरजरूरी हैं और यात्रियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि ऐसे किसी भी निर्णय से पहले जनप्रतिनिधियों की सहमति भी ली जाएगी।
ट्रेनों के प्रायोगिक ठहराव वापस लिए जायेंगे फिर की जाएगी, यात्री गाड़ियों के स्टॉपेज की समीक्षा
