नई दिल्ली, चुनाव आयोग की इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को राजनीतिक दलों द्वारा हैक करने की चुनौती शनिवार को खत्म हो गई। कोई भी राजनीतिक दल चुनाव आयोग की चुनौती को तोड़ नहीं सका। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि एनसीपी, सीपीआईएम ने ईवीएम चुनौती में भाग नहीं लिया। चुनाव आयोग की चार घंटे की चुनौती शनिवार सुबह १० बजे शुरू हुई और दो बजे तक चली। चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि इस चुनौती में ईवीएम को खोलने का भी विकल्प था। पहली चुनौती थी कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी यूनिट के बारे में बताया जाना था। इस चुनौती के दूसरे चरण में बटन को टच करना और मशीन को खोल भी सकते थे। चुनाव आयोग ने कहा कि इसमें चैलेंज देने वाला मशीन खोलकर मेमोरी नंबर और बैट्री नंबर लेकर ईवीएम को हैक करने की कोशिश कर सकता था। उन्होंने कहा कि हमारे लिए टेक्नोक्रेट से बड़ी गारंटी मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि इस चैलेंज के लिए १४ ईवीएम मशीनों को रखा गया था और इनका इस्तेमाल महाराष्ट्र के निगम चुनावों में हुआ था। चुनाव आयोग ने एक बार फिर साफ किया कि ईवीएम मशीन को हैक नहीं किया जा सकता और इसमें छेड़छाड़ संभव नहीं है। इसके परिणाम बदले नहीं जा सकते। आयोग ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में सभी चुनाव वीवीपीएटी के जरिए होंगे। जैदी ने बताया कि आयोग की चुनौती को स्वीकारने वाली एनसीपी ने सुझाव दिया है कि राज्य और केंद्र के चुनाव में वीवीपीएटी मशीन का उपयोग किया जाए। वहीं सीपीआईएम ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह सिर्फ एकेडमिक एक्सरसाइज के लिए आया है। राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम को लेकर किए जा रहे सवालों पर चुनाव आयुक्त ने कहा कि उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास अमूमन शिकायत आती है कि स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम के नतीजे वाईफाई से बदल दिए जाते हैं।
चुनाव आयुक्त जैदी ने कहा चुनौती में ईवीएम खोलने का भी था विकल्प
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