व़ॉशिंगटन,अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से अलग होने के फैसले से न सिर्फ दुनिया के दूसरे देश बल्कि अमेरिका के लोगों ने भी नाराजगी जाहिर की है। अब अमेरिका के ३० मेयर, गवर्नर, १०० कंपनियों, विश्वविद्यालयों और आम नागरिकों के एक समूह ने देश में ग्रीनहाउस गैस में कटौती की योजना को संयुक्त राष्ट्र को सौंपने का मन बनाया है।यह समूह अमेरिका की ओर से ग्रीन क्लाइमेट फंड में योगदान भी करेगा।अमेरिका के विश्वविद्यालयों ने ८२ प्रेसिडेंट और चांसलर मिलकर पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते का पालन करने के लिए एक अलग समूह बनाया है, जो इस समझौते को अमल में लाने की अपनी प्रतिबद्धता को सौंपेगा।इसमें अमेरिका के इमोरी एंड हेनरी कॉलेज, ब्रांडेस यूनिवर्सिटी और वेल्सयान यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिज्त यूनिवर्सिटी के अलावा अमेरिकी जनता, कई राज्यों की सरकारें और दिग्गज कारोबारी भी शामिल हैं। साल २०१५ में पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौता का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले रॉबर्ट सी ओर्र ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से उलट अमेरिका की जनता, राज्य सरकारें और दिग्गज कारोबारियों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और इस समझौते को अमल में लाने के लिए एक अलग समूह बनाया है।यह समूह पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर अमेरिका की प्रतिबद्धता को अमल में लाएगा।
मैरीलैंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के डीन रॉबर्ट के हवाले से कहा गया है कि इस समूह में वाशिंगटन के गवर्नर जय इनस्ली, न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्री एम क्योमो, कैलिफोर्निया के गवर्नर जेरी ब्राउन, सभी डेमोक्रिट, अमेरिकी यूनिवर्सिटी के ८२ प्रेसिडेंट एवं चांसलर और आम नागरिक शामिल हैं।न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को लिखे मसौदे पत्र में उम्मीद जताई कि सरकार से अलग हटकर अमेरिकी लोग साल २०२५ तक देश में ग्रीनहाउस गैस (कार्बन गैस) उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। पेरिस समझौता तोड़ने के बाद भारत और चीन की आलोचना करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जवाब दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा पर्यावरण की रक्षा को लेकर एक जिम्मेदारी वाले देश के साथ भारत आगे बढ़ रहा है।इसको लेकर हमारी पुनानी प्रतिवद्धता है। इसी महीने के आखिर में दोनों नेताओं की मुलाकात होनी थी, लेकिन उस मुलाकात से पहले संबंधों पर पेरिस जलवायु करार की तलवार लटक गई। पेरिस में जलवायु करार पर दुनिया के १९५ देशों की सहमति बनती कि इससे पहले अमेरिका इस समझौते से अलग हट गया।
जलवायु समझौते को अमल में लाएंगे अमेरिकी,ट्रंप के फैसले का विरोध
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