नई दिल्ली, देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा है कि इनकम टैक्स में कटौती और जीएसटी में इज़ाफ़ा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पर्सनल टैक्स में कमी से कुछ ही लोगों को फायदा होगा। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमारे पास फिस्कल पॉलिसी में बदलाव के लिए स्पेस नहीं है। पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती और जीएसटी में इजाफे की काफी चर्चाएं चल रही हैं। मैं दोनों के ही खिलाफ हूं।’
सुब्रमण्यन ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि मांग में इजाफे के मकसद से इनकम टैक्स में कटौती की बात की जा रही है, लेकिन इससे कोई लाभ नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश के टॉप 5 से 7 पर्सेंट लोगों को ही फायदा होगा, जो वास्तव में टैक्स चुकाते हैं।
सुब्रमण्यन ने कहा कि यदि आप मांग में इजाफा चाहते हैं तो फिर टैक्स कट से आगे कुछ सोचना होगा। यह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर या फिर यूनिवर्सल बेसिक इनकम जैसा कुछ हो सकता है। जीएसटी रेट में कटौती को खतरनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे मांग में कमी आएगी, यही नहीं एक तरह से यह मंदी को और बढ़ाने का काम करेगा।