भोपाल,मप्र चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सा छात्र अब जहां घर बैठे एक क्लिक में डिग्री व अंकसूची प्राप्त कर सकेंगे। यह संभव होगा विश्वविदयालय में में इंट्रीग्रेटेड डिजिटल सिस्टम लागू होने से। इतना ही नहीं, विश्वविदयालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ विद्यार्थियों का बायोडाटा ऑनलाइन किया जाएगा। कौन अधिकारी, कर्मचारी कब कहां पदस्थ रहे, किस विभाग या सीट पर कितने समय तक सेवाएं दीं, समेत अन्य ब्यौरा ऑनलाइन देखा जा सकेगा। मेडिकल छात्रों को डिजिटल लॉकर की सुविधा दी जाएगी। यूनिक पासवर्ड का उपयोग कर छात्र कहीं भी कम्प्यूटर पर अंकसूची व डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। दरअसल, चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत इससे संबंधित मेडिकल, पैरामेडिकल, नर्सिंग महाविद्यालयों को हाइटेक किया जा रहा है। कुलपति प्रो. आरएस शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में डिजिटल सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। मेडिकल विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल छात्रों को अंकसूची के लिए महाविद्यालयों व डिग्री के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इस परेशानी से बचाने के लिए उन्हें डिजी लॉकर की सुविधा दी जाएगी। प्रत्येक विद्यार्थी के लॉकर का यूनिक पासवर्ड रहेगा। जिसका उपयोग कर वे अपनी अंकसूची व डिग्री कहीं भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय नहीं आना पड़ेगा। डिग्री व अंकसूची ऑनलाइन कर दी जाएगी। यूनिक पासवर्ड का उपयोग कर प्रत्येक विद्यार्थी कम्प्यूटर पर सिर्फ अपनी अंकसूची व डिग्री के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इंट्रीग्रेटेड डिजिटल सिस्टम का लाभ उत्तर पुस्तिकों का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को भी मिलेगा। मूल्याकंन कर्ता जांची गई कॉपियों का ब्यौरा ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके आधार पर बिना किसी विलंब व असुविधा के निर्धारित मानदेय उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। कर्मचारी व अधिकारी इस सिस्टम के जरिए अपने वेतन व अन्य भत्तों की भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस बारे में विवि के कुलपति प्रो. आरएस शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा इंटीग्रेटेड डिजिटल सिस्टम लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय से लेकर संबंधित महाविद्यालयों के कर्मचारी, अधिकारी व विद्यार्थी इस आधुनिक सुविधा से लाभान्वित होंगे।