सतना,सतना जिले के चित्रकूट से कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह का सोमवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और सतना के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। प्रेम सिंह के निधन की खबर लगते ही उनके विधानसभा क्षेत्र में शोक का माहौल छा गया। प्रेम सिंह का जन्म ८ सितंबर १९५१ को यूपी के कोलौहा में हुआ था। सोमवार सुबह ही हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। मंगलवार को गृहग्राम बरौधा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस बार वे तीसरी बार चित्रकूट से विधायक चुने गए थे। इसके पहले वे १९८१-८५ में सतना जिला बीस सूत्रीय समिति के सदस्य रहे। १९८५ में जिला तेंदूपत्ता समिति के सदस्य रहे। १९८६ में वे कृषि उपज मंडी के डायरेक्टर रहे। इसके बाद उन्होंने १९९८ में विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। २००३ में बारहवीं विधानसभा में फिर वे चुनाव जीते। २०१३ में प्रेम सिंह कांग्रेस के टिकट पर तीसरी बार चित्रकूट से विधायक चुने गए।
डाकू से ऐसे बने थे नेता
६६ वर्ष के प्रेम सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। मंगलवार को गृहग्राम बरौधा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दस्यू जीवन से राजनीति तक का सफर तय करने वाले प्रेम सिंह के निधन की खबर सुनते ही जिले भर में शोक की लहर दौड़ गई। राजनीति में माहिर प्रेम सिंह महज पांचवीं तक पढ़े थे। स्कूल शिक्षा हासिल करने के बाद पारिवारिक कारणों से वे बागी हो गए थे, इस दौरान वे कुछ वर्षों तक जंगलों में भी रहे। वे पूर्व सीएम स्व. अर्जुन सिंह के कट्टर समर्थक थे। जानकारी के अनुसार अर्जुन सिंह ने ही उन्हें दस्यु जीवन से राजनीति में प्रवेश कराया था। उनका जन्म जन्म ८ सितंबर १९५१ को यूपी के कोलौहा में हुआ था। सोमवार सुबह ही हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। १९९८ में उन्हें कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडऩे का मौका मिला और वे भारी मतों से चुनाव जीतकर विधायक बने। फक्कड़ मिजाज के सिंह कांग्रेस विरोधी लहर के बावजूद २००३ में भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी सांसद रामानंद सिंह को हराकर सबको हैरान कर दिया था। २००८ में वे मात्र ७१२ मतों से चुनाव हार गए थे। २०१३ में प्रेम सिंह ने चित्रकूट के तत्कालीन भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह को हराया। इसके साथ ही वे चित्रकूट से तीसरी बार विधायक बन गए। इससे पहले वे १९८१-८५ में सतना जिला बीस सूत्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। १९८५ में जिला तेंदूपत्ता समिति के सदस्य रहे और १९८६ में वे कृषि उपज मंडी के डायरेक्टर भी रहे।
मुख्यमंत्री ने किया शोक व्यक्त
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा,उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी प्रेम सिंह के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। चौहान ने कहा कि स्वर्गीय श्री सिंह जन मुद्दों के प्रति सचेत और संवेदनशील रहने वाले नेता थे। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके शोकाकुल परिजन को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।