नई दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आय से अधिक संपत्ति मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के बाद जमानत दी गई। वीरभद्र कोर्ट में पेश हुए थे।
इससे पहले वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह सहित अन्य की ओर से दायर जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान वीरभद्र के वकील ने सीबीआई की दलीलों का विरोध किया। साथ ही कहा कि सीबीआई अपने असली रंग दिखा रही है। सीबीआई की जांच निष्पक्ष नहीं है और वह राजनीतिक इशारों पर काम कर रही है।
५०० से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट में दावा किया गया कि वीरभद्र ने करीब १० करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की जो केंद्रीय मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनकी कुल आमदनी से १९२ प्रतिशत अधिक है।
वीरभद्र और आठ अन्य लोगों के खिलाफ कथित अपराध के लिए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और आईपीसी की धारा १०९ (उकसाने) और ४६५ (जालसाजी के लिए सजा) के तहत दायर अंतिम रिपोर्ट में २२५ गवाहों और ४४२ दस्तावेजों को रखा गया है।
कांग्रेस नेता और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के अलावा रिपोर्ट में चुन्नीलाल चौहान, जोगिंदर सिंह घल्टा, प्रेम राज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवन कुमार रोच और रामप्रकाश भाटिया को आरोपी बनाया गया है।