मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के 14 दिन बाद भी सरकार बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में गतिरोध जारी है. एक तरफ जहां बीजेपी अपने पुराने दावे पर अडिग है कि सरकार देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में ही बनेगी तो दूसरी तरफ शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत लगातार कह रहे हैं कि राज्य में उनकी पार्टी का सीएम होगा. इन सबके बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की. फडणवीस मंगलवार रात 9.25 बजे नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे और डेढ़ घंटे बाद वह वहां से रवाना हो गए. बताया जा रहा है कि फड़णवीस ने वर्तमान स्थिति और संभावित स्थितियों के बारे में सरसंघचालक को जानकारी दी. आरएसएस ने फड़णवीस को जल्द ही गतिरोध खत्म करने और राम मंदिर के फैसले से पहले सरकार बनाने का दावा पेश करने का सुझाव दिया है. आरएसएस चाहती है कि राम मंदिर पर फैसले से पहले राज्य में स्थिर सरकार हो. सूत्रों की मानें तो राज्य में 7 या 8 नवंबर को नई सरकार शपथ ले सकती है. वहीं महाराष्ट्र में मौजूदा हालात को संभालने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को आरएसएस कमान सौंप सकता है.अटकलें लगाई जा रही हैं कि नितिन गडकरी को शिवसेना और बीजेपी को एक मंच पर साथ लाने आगे भेजा जा सकता है. इससे पहले मंगलवार को फडणवीस ने मुंबई में अपने सरकारी आवास पर भाजपा नेताओं की एक बैठक की. बैठक में शामिल होने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतिवार ने पत्रकारों से कहा, ‘किसी भी समय सरकार गठन को लेकर एक अच्छी खबर आ सकती है.’ वहीं बैठक में शामिल रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वे अब शिवसेना की ओर से प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच देवेंद्र फडणवीस के करीबी और विश्वासपात्र गिरीश महाजन ने शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा दिए गए बयानों पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इतना सब कहे जाने के बाद भी हमने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में समाधान निकाल लिया जाएगा और सरकार बन जाएगी. बीजेपी शिवसेना को कोई लिखित आश्वासन देने को तैयार नहीं है. गिरीश महाजन ने विकल्प खुले होने की बात करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए. लेकिन, बहुमत की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि बहुमत साबित करते समय विधानसभा में कितने सदस्य मौजूद हैं.