पटियाला, पंजाब में सर्दियों के आगमन के साथ ही राज्य में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस दौरान पटियाला और मंडी गोबिंदगढ़ सबसे खराब एक्यूआई से जूझते रहे। राज्य के अधिकांश हिस्सों में घनी धुंध छाई रही। इस वजह से पटियाला नगर निगम ने एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें खुले क्षेत्रों में कचरे को जलाने के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। लेकिन लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर धुंध और बादलों की वजह से खेतों में जलाई जा रही पराली का पता नहीं लगा पाया है। वहीं, उसने खेतों में आग लगाने के 2,856 मामलों की पुष्टि की। इनमें से ज्यादातर संगरूर, पटियाला, मुक्तसर, मनसा, फिरोजपुर, फरीदकोट, भटिंडा और बरनाला से रिपोर्ट किए गए थे। इसके मुताबिक पता चला कि तरनतारन से कुल 2,672 मामले, संगरूर से 2,903, पटियाला से 2,422, मुक्तसर से 1,524, मानसा से 1,447, कपूरथला से 1,068, जालंधर से 918, गुरदासपुर से 1,191, फिरोज़पुर से 3,053, 1,102 शामिल थे। फरीदकोट से, बठिंडा से 1,795 और अमृतसर से 1,107। वहीं, पिछले साल भी पंजाब भर में कुल 25,380 मामले दर्ज किए गए थे और 2017 में यह संख्या 30,867 थी। इसको देखते हुए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों के आधार पर जिला प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पराली जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।